Success story: इस किसान ने इजराइली खजूर की खेती से 18 लाख की कमाई की, जाने पूरी प्रक्रिया

Success story: एक दूरदर्शी किसान, ने अपने कृषि तरीकों में बदलाव लाते हुए एक लाभकारी और नवीन खेती का तरीका अपनाया है – इजरायली खजूर की खेती। उनकी यह यात्रा न केवल उनके जीवन में समृद्धि लाती है बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक प्रेरणा भी बनती है।

परंपरा से हटकर नई राह

ज्यादातर किसान आमतौर पर कपास और मूंगफली की खेती करते हैं। लेकिन आठ साल पहले, संजय ने इन पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया करने का फैसला किया। अधिक लाभ और स्थायी खेती के लिए प्रेरित होकर, किसान ने इजरायली खजूर (खारे किस्म) की खेती की राह चुनी।

इजरायली खजूर की खेती का सफर

किसान के इस फैसले की शुरुआत एक प्रयोगात्मक बगीचे की यात्रा से हुई। वहां उन्होंने खजूर की खेती की संभावनाओं को देखा और इसे अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने एक हेक्टेयर जमीन पर 120 पौधे लगाए। सालों की मेहनत और देखभाल के बाद, अब ये पौधे फल देने के लिए तैयार हैं।

“आठ साल पहले, मैंने इजरायली खजूर के साथ इस यात्रा की शुरुआत की थी। आज, मैं इसके फल प्राप्त कर रहा हूँ और दूसरों के लिए एक मिसाल पेश कर रहा हूँ,” किसान कहते हैं।

एक भरपूर फसल

इस साल किसान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। खजूर के पेड़ इस साल 150 किलोग्राम से अधिक फल देंगे, जिससे उनकी वार्षिक आय ₹17-18 लाख तक हो सकती है। खर्चों को घटाकर, किसान लगभग ₹10 लाख का शुद्ध मुनाफा प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं, जो पारंपरिक फसलों की तुलना में काफी अधिक है।

आय और लाभ का विश्लेषण

मापदंडराशि (₹)
कुल आय17,00,000 – 18,00,000
प्रति किलो की औसत कीमत1,000 – 1,200
अनुमानित उत्पादन150 किलोग्राम
कुल खर्च7,00,000 – 8,00,000
शुद्ध मुनाफा10,00,000

सरकारी सहायता और सब्सिडी

किसान की सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं है बल्कि यह सरकार के समर्थन का भी प्रमाण है। सरकार ने खजूर की खेती की संभावनाओं को पहचाना और मेहनती किसान जैसे किसानों को व्यापक समर्थन प्रदान किया।

सरकारी पहलें:

  • सब्सिडी: बागवानी विभाग खजूर की खेती के उच्च प्रारंभिक खर्च को कम करने के लिए महत्वपूर्ण सब्सिडी प्रदान करता है। किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹2,18,000 तक की सब्सिडी मिलती है।
  • ऊतक संवर्धन पौधे: हर साल राज्य में खजूर की खेती के विस्तार के लिए उन्नत ऊतक संवर्धन पौधे प्रदान किए जाते हैं। इस पहल ने विशेष रूप से कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है।

सब्सिडी का विवरण

सब्सिडी घटकराशि (₹) प्रति हेक्टेयर
पौध सामग्री1,50,000
ऊतक संवर्धन पौधे68,000
कुल सब्सिडी2,18,000

किसा का संदेश अन्य किसानों के लिए

संजय की यात्रा कृषि में नवाचार और अनुकूलन के महत्व को रेखांकित करती है। वह अन्य किसानों को खजूर की खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और बताते हैं कि यह पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक लाभदायक है।

“मेरा इजरायली खजूर के साथ अनुभव बहुत ही सकारात्मक रहा है। मैं अन्य किसानों से आग्रह करता हूं कि वे इस रास्ते पर विचार करें और अधिक आय और स्थायी खेती की दिशा में कदम बढ़ाएं,” किसान सलाह देते हैं।

उनका संदेश स्पष्ट है: नए कृषि तरीकों को अपनाने से अभूतपूर्व सफलता मिल सकती है और खेती में नए मानदंड स्थापित हो सकते हैं।

खजूर की खेती का बढ़ता चलन

किसान की सफलता गुजरात में एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा है। राज्य ने खजूर की खेती में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो सरकार के समर्थन और किसानों के उत्साह से प्रेरित है। यह चलन कृषि परिदृश्य को बदल रहा है और विभिन्न जिलों में किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।

गुजरात में खजूर की खेती की वृद्धि

वर्षलगाए गए हेक्टेयरपिछले वर्ष से वृद्धि (%)
20191,000
20201,20020%
20211,50025%
20221,90026.7%
20232,50031.6%

निष्कर्ष

इस किसान की कहानी यह दिखाती है कि नवाचार और समर्थन कैसे कृषि में क्रांति ला सकते हैं। उनकी समर्पित और दूरदर्शी दृष्टि ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत सफलता दिलाई है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है।

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