Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana: इस योजना को मध्य प्रदेश के अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार ने निर्णय लिया है कि 18 साल की उम्र में बाल संस्थाओं को छोड़ने वाले अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत सरकार अनाथ बच्चों को RTI, CLAT, JEE, और NEET जैसी परीक्षाएं निकालने पर पढ़ाई के दौरान आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके तहत सरकार द्वारा हर महीने 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो 24 साल की उम्र तक दी जाएगी। इसके अलावा, 18 साल तक के बच्चों को हर महीने 2 हजार रुपये की आर्थिक सहायता और आयुष्मान योजना के माध्यम से इलाज कराने का भी प्रावधान किया गया है।
यह योजना न केवल अनाथ बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाएगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगी। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का यह विस्तार सरकार की ओर से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana
इस योजना के तहत बाल आश्रम में रहने वाले बच्चों को एक बड़ी सौगात देने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत बाल आश्रम में रह रहे बच्चों को आश्रम छोड़ने के बाद इंटर्नशिप के लिए 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 18 साल की उम्र में बाल संस्थाओं को छोड़ने वाले सभी अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इन अनाथ बच्चों को आईटीआई, जेईई, नीट, और क्लैट जैसी परीक्षाएं निकालने पर आगे की पढ़ाई के दौरान भी 5 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने के प्रावधान भी किए गए हैं।
इस योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को 24 साल की उम्र तक आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपना भविष्य सुधार सकें और उज्ज्वल बना सकें। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को उनकी पढ़ाई पूरी करने तक हर महीने 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार उन सभी अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद देगी, जो 18 साल की उम्र में बाल संस्थाओं को छोड़ते हैं।
प्रदेश में हर साल 150 से 200 अनाथ बच्चे 18 वर्ष की उम्र पूरी करने पर बाल संस्थाओं से बाहर निकलते हैं। इन बच्चों को आईटीआई, जेईई, नीट, और क्लैट जैसी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने पर आगे की पढ़ाई के लिए भी 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य देश के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके जीवन को संवारना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अतिरिक्त, आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को 24 साल की उम्र तक सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपना भविष्य उज्जवल बना सकें और समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, अनाथ बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana लाभ तथा विशेषताए
- इस योजना के अंतर्गत आश्रम में रहने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री द्वारा एक बड़ी सौगात देने का फैसला लिया गया है।
- बाल आश्रम में रह रहे बच्चों को बाल आश्रम छोड़ने के बाद इंटर्नशिप करने के लिए 5 हजार रुपए दिए जायंगे।
- इसी के साथ किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बाल देख रेख संस्थाओं के अंतर्गत संचालित करने के बाद छोड़े जाने वाले 18 वर्ष से अधिक युवाओं को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करेंगी।
- इसी के साथ आयुष्मान भारत समेत कई योजनाओं का लाभ अनाथ बच्चों को मिलेगा।
- साथ ही आजीविका व्यय के लिए भी पैसे दिए जाएंगे।
- इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को पढ़ाई में तथा भविष्य को उज्जवल बनाने में भी लाभ होगा।
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