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Telecom Act: नया दूरसंचार अधिनियम लागू, 3 साल की सजा भी! जानें इसके अहम प्रावधान और बदलाव - Rajswasthya.in

Telecom Act: नया दूरसंचार अधिनियम लागू, 3 साल की सजा भी! जानें इसके अहम प्रावधान और बदलाव

Telecom Act: आज से दूरसंचार अधिनियम 2023 (Telecom Act 2023) के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान लागू हो रहे हैं। यह नया कानून भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है, जो भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885), वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) के पुराने ढांचे की जगह लेगा। आइए जानते हैं, इस अधिनियम में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं और इसके प्रावधान कैसे हमारे दूरसंचार अनुभव को प्रभावित करेंगे।

दूरसंचार अधिनियम 2023: क्या-क्या बदल रहा है?

दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं जो उपभोक्ताओं और दूरसंचार कंपनियों दोनों के लिए नए नियम और दिशा-निर्देश स्थापित करते हैं। अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 आज से लागू हो जाएंगे।

सरकार ने इस अधिनियम में सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और अपराधों की रोकथाम के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं के नियंत्रण के लिए भी प्रावधान जोड़े हैं। इसके अलावा, सिम कार्ड फ्रॉड, कॉल टैपिंग और प्रमोशनल मैसेज के लिए भी सख्त नियम लागू किए गए हैं।

सिम कार्ड फ्रॉड पर कड़ी सजा

फर्जी सिम कार्ड जारी करने और इसके फ्रॉड को रोकने के लिए इस अधिनियम में कठोर प्रावधान शामिल किए गए हैं।

  • सिम कार्ड धोखाधड़ी पर सजा: किसी भी तरह की सिम कार्ड फ्रॉड पर तीन साल की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • फर्जी सिम कार्ड के लिए सजा: फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने या उपयोग करने पर तीन साल की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • बायोमेट्रिक डेटा: सिम कार्ड जारी करने से पहले बायोमेट्रिक डेटा लेना अनिवार्य होगा।
  • सिम कार्ड की सीमा: एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना और इसे दोहराने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

सिम कार्ड क्लोनिंग पर सख्त कार्रवाई

सिम कार्ड क्लोनिंग या किसी और के सिम कार्ड का दुरुपयोग अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। यह कदम उन बढ़ते मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है जहां सिम कार्ड क्लोन करके लोगों के खातों से पैसे निकाले जाते हैं।

डू-नॉट-डिस्टर्ब (DND) सेवा का अनिवार्य विकल्प

टेलीकॉम कंपनियों को अब उपयोगकर्ताओं को डू-नॉट-डिस्टर्ब (DND) सेवा के लिए रजिस्टर करने का विकल्प देना होगा। इसके तहत, यूजर्स को अवांछित कॉल्स और मैसेज से बचाने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। उपयोगकर्ता अवांछित संदेशों की शिकायत भी कर सकते हैं।

आपात स्थिति में सरकारी नियंत्रण

सरकार ने आपात स्थिति में दूरसंचार सेवाओं के नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

  • सरकारी नियंत्रण: सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के आधार पर दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है।
  • अधिकृत सेवा प्रदाता: किसी भी दूरसंचार कंपनी को नेटवर्क स्थापित करने, संचालित करने या सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार से अधिकृत होना होगा।

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए नए नियम

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन अब प्रशासनिक तरीके से होगा, यानी इसके लिए नीलामी की आवश्यकता नहीं होगी।

  • विदेशी कंपनियों का प्रवेश: देश के बाहर की कंपनियों को भी स्पेक्ट्रम दिए जाएंगे, जो भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक चुनौती हो सकती है।
  • स्टारलिंक जैसी सेवाओं के लिए रास्ता साफ: नए नियमों से एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी सेवाओं के भारत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

कॉल टैपिंग अब एक अपराध

बिना अनुमति के टेलीकॉम नेटवर्क का डेटा एक्सेस करना, कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। इस अपराध के लिए तीन साल की सजा हो सकती है।

प्रमोशनल मैसेज के लिए नए नियम

नए अधिनियम में प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले टेलीकॉम कंपनियों को सरकार से अनुमति लेनी होगी। यह कदम अवांछित और स्पैम मैसेज को रोकने के लिए उठाया गया है।

सुरक्षा के मद्देनजर

राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, टेलीकॉम कंपनियों को अपने उपकरण केवल सरकार द्वारा पहचान किए गए विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदने होंगे। यह कदम सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और संभावित खतरों को रोकने में सहायक होगा।

DND सेवा के सख्त नियम

यदि कोई उपयोगकर्ता DND सेवा को सक्रिय करता है, तो उसे अवांछित संदेश या कॉल नहीं मिलनी चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ट्राई के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाणिज्यिक संदेशों पर भी रोक लगाने का प्रावधान है।

निष्कर्ष

दूरसंचार अधिनियम 2023 न केवल पुराने कानूनों को आधुनिक बनाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं और कंपनियों के लिए एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित टेलीकॉम वातावरण भी प्रदान करेगा। इसके सख्त नियम और प्रावधान अवांछित गतिविधियों को रोकने और दूरसंचार सेवाओं को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।

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