Packaged food new rule: पैकेज्ड फूड में कितना है नमक-चीनी, FSSAI का बड़ा कदम

Packaged food new rule: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उपभोक्ताओं को बेहतर फैसले लेने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड फूड आइटम्स के लेबलिंग नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब, उपभोक्ता डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में चीनी, नमक और संतृप्त वसा की पोषण जानकारी स्पष्ट रूप से पढ़ सकेंगे, जिससे वे अपने स्वास्थ्य के लिए अधिक सूचित निर्णय ले सकेंगे।

FSSAI के नए नियम क्या हैं?

एफएसएसएआई ने प्रस्तावित किया है कि डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों पर कुल चीनी, नमक, और संतृप्त वसा की जानकारी मोटे अक्षरों में और बड़े फॉन्ट साइज में लिखी जाए। अभी तक ये जानकारियां बहुत छोटे अक्षरों में लिखी जाती थीं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए इन्हें पढ़ना मुश्किल होता था। अब, बिस्किट, नमकीन, और पैक्ड जूस जैसे सभी पैकेज्ड फूड आइटम्स में ये जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाएगी।

उपभोक्ताओं के लिए इसका क्या मतलब है?

नए नियमों के तहत, उपभोक्ताओं को पैकेज्ड फूड्स की पोषण संबंधी जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी, जिससे वे स्वस्थ विकल्प चुनने में सक्षम होंगे। खासकर, ब्लड प्रेशर और डायबीटीज के मरीजों के लिए ये जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपने आहार में सोडियम और चीनी की मात्रा को नियंत्रित करना होता है।

झूठे और भ्रामक दावों पर रोक

FSSAI समय-समय पर खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों (FBOs) को झूठे और भ्रामक दावों को रोकने के लिए सलाह जारी करता है। उदाहरण के लिए, एफएसएसएआई ने ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को “हेल्थ ड्रिंक” शब्द का उपयोग न करने की सलाह दी है, क्योंकि यह शब्द एफएसएस अधिनियम 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों में परिभाषित या मानकीकृत नहीं है। इसी प्रकार, फलों के रस के लेबल और विज्ञापनों से “100% फलों का रस” जैसे दावों को हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

पैक्ड फूड्स के खतरनाक पहलू

हालांकि पैकेजिंग के माध्यम से कई उत्पाद खुद को हेल्दी चॉइस के रूप में प्रस्तुत करते हैं, लेकिन वास्तव में इनमें हानिकारक तत्व भी हो सकते हैं। पैक्ड फूड्स को लंबे समय तक सुरक्षित बनाए रखने के लिए इनमें अक्सर केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

पैक्ड फूड खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  1. नमक और सोडियम की मात्रा: कई पैक्ड फूड्स में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है।
  2. चीनी की मात्रा: उच्च फ्रक्टोज कॉर्न सिरप और अतिरिक्त चीनी वाले उत्पादों से बचना चाहिए।
  3. संरक्षण सामग्री (Preservatives): केमिकल्स के उपयोग को पहचानें और इनसे बचें।
  4. पोषक तत्वों की कमी: ताजगी की कमी के कारण, पैकेज्ड फूड्स में पोषक तत्वों की कमी होती है और उनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो सकती है।
  5. लेबलिंग: हमेशा उत्पाद के लेबल की जांच करें और पोषण संबंधी तथ्यों को समझें।

उपभोक्ता जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

एफएसएसएआई के ये नए नियम उपभोक्ताओं को स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करेंगे और उन्हें पैकेज्ड फूड्स की असली पोषण संबंधी जानकारी प्रदान करेंगे। यह न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा बल्कि बाजार में झूठे और भ्रामक दावों पर भी रोक लगाएगा।

निष्कर्ष

स्वास्थ्य की दृष्टि से एफएसएसएआई का यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपभोक्ताओं को अब पैकेज्ड फूड आइटम्स में चीनी, नमक और वसा की मात्रा को आसानी से समझने और अपने आहार में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इन नए नियमों के साथ, एफएसएसएआई ने स्वस्थ भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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