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Loan defaulter rights: लोन चुकाना तो चाहते है पर मजबूरी में नहीं चुका पा रहे तो क्या क्या हो सकता है? - Rajswasthya.in

Loan defaulter rights: लोन चुकाना तो चाहते है पर मजबूरी में नहीं चुका पा रहे तो क्या क्या हो सकता है?

Loan defaulter rights: नमस्कार दोस्तों! आज हम लोन की पूरी चर्चा करेंगे और हम जानेंगे कि लोन में क्या हो सकता है और क्या नहीं हो सकता है। चाहे प्रॉपर्टी को सिक्योर करके लिया गया हो या सिविल के आधार पर, इस ब्लॉग पोस्ट में हम हर पहलू को कवर करेंगे।

लोन क्या है?

लोन एक वित्तीय सहायता है जो बैंक या वित्तीय संस्थान से मिलती है। इसमें कुछ राशि उधार ली जाती है जिसे एक निश्चित समय के भीतर ब्याज सहित वापस करना होता है।

लोन के प्रकार

लोन कई प्रकार के होते हैं, लेकिन उन्हें मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: सिक्योर लोन और अनसिक्योर लोन।

सिक्योर लोन

यह वह लोन है जिसे कोई कीमती वस्तु या प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लिया जाता है।

सिक्योर लोन के प्रकारविवरण
होम लोनघर खरीदने के लिए लिया जाता है।
कार लोनकार खरीदने के लिए लिया जाता है।
गोल्ड लोनसोना गिरवी रखकर लिया जाता है।
प्रॉपर्टी लोनकिसी प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लिया जाता है।
मार्गेज लोनमकान या प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लिया जाता है।

अनसिक्योर लोन

यह वह लोन है जिसे सिविल स्कोर को देखकर दिया जाता है।

अनसिक्योर लोन के प्रकारविवरण
पर्सनल लोनव्यक्तिगत जरूरतों के लिए लिया जाता है।
क्रेडिट कार्ड लोनक्रेडिट कार्ड के जरिए लिया जाता है।
बिजनेस लोनव्यवसाय के लिए लिया जाता है।
सीसी लिमिटनकदी की जरूरतों के लिए लिया जाता है।

लोन न चुकाने पर बैंक की कार्रवाई

यदि किसी कारणवश लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक आपके खिलाफ कई प्रकार की कार्रवाई कर सकती है:

कार्रवाईविवरण
रिकवरी एजेंटबैंक आपके घर पर रिकवरी एजेंट भेज सकती है।
सेटलमेंट एक्ट सेक्शन 25बैंक आपके खिलाफ पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट सेक्शन 25 के तहत केस कर सकती है।
चेक बाउंस केसयदि आपने चेक दिया है और वह बाउंस हो जाता है तो बैंक 138 एनआई एक्ट के तहत केस कर सकती है।
आर्बिट्रेशन प्रक्रियाबैंक आपके खिलाफ आर्बिट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
सरफेसी एक्टबैंक आपके प्रॉपर्टी पर सरफेसी एक्ट के तहत कब्जा कर सकती है।

लोन के सेटलमेंट के फायदे और नुकसान

सेटलमेंट के फायदे:

  1. ब्याज दर में कटौती: ब्याज दर कम हो जाती है।
  2. किश्तों में कमी: मासिक किश्तें कम हो जाती हैं।
  3. समय सीमा बढ़ाना: लोन की अवधि बढ़ाई जा सकती है।

सेटलमेंट के नुकसान:

  1. सिविल स्कोर पर असर: सिविल स्कोर खराब हो सकता है।
  2. अतिरिक्त शुल्क: सेटलमेंट के लिए अतिरिक्त शुल्क लग सकते हैं।
  3. भविष्य की लोन योग्यता: भविष्य में लोन लेने में कठिनाई हो सकती है।

लोन से संबंधित नोटिस और कार्रवाई

बैंक द्वारा भेजी गई नोटिस के प्रकार:

नोटिस का प्रकारविवरण
रिकॉल नोटिसलोन की पूरी राशि वापस करने का निर्देश।
डिमांड नोटिसबकाया राशि की मांग।
आर्बिट्रेशन नोटिसविवाद के समाधान के लिए नोटिस।
सरफेसी एक्ट नोटिसप्रॉपर्टी पर कब्जे की चेतावनी।

लोन रिस्ट्रक्चरिंग के तरीके

यदि आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो आप लोन की रिस्ट्रक्चरिंग कर सकते हैं:

  1. किश्तों की कमी: मासिक किश्तों की राशि को कम करना।
  2. समय सीमा बढ़ाना: लोन की अवधि को बढ़ाना।
  3. लोन का सेटलमेंट: लोन की राशि को कम करके सेटल करना।

अधिकार और सुझाव

  1. रिकवरी एजेंट से डरें नहीं: उनके पास आईडी कार्ड और विजिट लेटर होना चाहिए।
  2. रिकॉर्डिंग करें: यदि कोई बदसलूकी करता है तो उसकी रिकॉर्डिंग करें।
  3. ऑनलाइन शिकायत: साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
  4. सलाह लें: किसी विशेषज्ञ से सलाह लें या हमारे नंबर पर संपर्क करें।

निष्कर्ष

लोन एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है लेकिन उसे समय पर चुकाना आवश्यक है। यदि आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो आपके पास कई विकल्प होते हैं जैसे कि सेटलमेंट, रिस्ट्रक्चरिंग, आदि। अपने अधिकारों को जानें और किसी भी प्रकार की बदसलूकी या गलत कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाएं।

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