How to Save income tax: इनकम टैक्स बचाने के लिए किस-किस मद या स्कीम में निवेश किया जा सकता है, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे टॉप 10 तरीकें, जिनकी सहायता से वे लोग काफ़ी इनकम टैक्स बचा सकते हैं, जो पुरानी टैक्स रिजीम, यानी Old Income Tax Regime के तहत ITR फ़ाइल करने जा रहे हैं।
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1. धारा 80C के तहत अधिकतम बचत करें
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत आप ₹1.5 लाख तक की बचत कर सकते हैं। इस धारा के अंतर्गत आप निम्नलिखित निवेशों पर टैक्स छूट पा सकते हैं:
- प्रॉविडेंट फंड (PF) में योगदान
- राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC)
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
- जीवन बीमा प्रीमियम
- बच्चों की ट्यूशन फीस
- इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)
- होम लोन का मूलधन भुगतान
- सुकन्या समृद्धि योजना
इन योजनाओं में निवेश करके आप अपनी टैक्स योग्य आय से ₹1.5 लाख तक घटा सकते हैं।
2. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) खाता खोलें
धारा 80C के अलावा, NPS में किए गए निवेश पर आपको धारा 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की छूट मिल सकती है। यह न केवल टैक्स बचाने में मदद करता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन भी सुनिश्चित करता है।
3. बचत खाते पर ब्याज आय में छूट पाएं (धारा 80TTA)
बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है, लेकिन धारा 80TTA के तहत आप ₹10,000 तक की ब्याज आय पर छूट पा सकते हैं। इस छूट का लाभ सभी बचत खातों से मिलने वाले कुल ब्याज पर लिया जा सकता है।
नोट: फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) और रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) पर मिलने वाला ब्याज इस छूट के तहत नहीं आता है।
4. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) या होम लोन ब्याज पर छूट पाएं
यदि आप किराये के मकान में रहते हैं, तो HRA के तहत छूट पा सकते हैं। यदि आपने होम लोन लिया है, तो आप धारा 24(b) के तहत ब्याज पर ₹2 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट आपकी टैक्स देनदारी को काफी कम कर सकती है।
5. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट (धारा 80D)
धारा 80D के तहत अपने, जीवनसाथी, बच्चों और आश्रित माता-पिता के लिए चुकाए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट पाई जा सकती है। छूट की सीमाएं इस प्रकार हैं:
- स्वयं, जीवनसाथी और बच्चों के लिए प्रीमियम पर ₹25,000 (यदि आप 60 साल से कम हैं)
- 60 साल से अधिक आयु के माता-पिता के लिए प्रीमियम पर ₹50,000 अतिरिक्त
- यदि आपकी आयु 60 साल से अधिक है, तो आपके प्रीमियम पर ₹50,000 तक की छूट
6. दिव्यांग आश्रितों के लिए छूट (धारा 80DD)
यदि आपके परिवार में कोई दिव्यांग आश्रित है, तो धारा 80DD के तहत उनके इलाज, प्रशिक्षण, और पुनर्वास पर किए गए खर्च पर ₹75,000 तक की छूट मिल सकती है। यदि दिव्यांगता 80% या अधिक है, तो यह छूट ₹1.25 लाख तक हो सकती है।
7. गंभीर बीमारियों के इलाज पर छूट (धारा 80DDB)
धारा 80DDB के तहत कुछ गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, एड्स, पार्किन्सन आदि के इलाज पर किए गए खर्च पर छूट मिलती है। छूट की सीमा:
- 60 साल से कम आयु के लिए ₹40,000
- 60 साल से अधिक आयु के लिए ₹1 लाख
यह छूट खुद के या आश्रितों के इलाज पर खर्च किए गए धन पर मिलती है।
8. एजुकेशन लोन के ब्याज पर छूट (धारा 80E)
धारा 80E के तहत उच्च शिक्षा के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर छूट पाई जा सकती है। यह छूट ब्याज की पूरी राशि पर मिलती है और इसे 8 साल तक के लिए क्लेम किया जा सकता है।
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9. सही टैक्स व्यवस्था चुनें
नई टैक्स व्यवस्था के आने के बाद अब करदाता पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं में से चुन सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में अधिक छूट मिलती है, जबकि नई व्यवस्था में टैक्स की दरें कम होती हैं। अपनी आय, बचत, और टैक्स देनदारी के आधार पर सही व्यवस्था का चयन करें।
10. समय पर टैक्स जमा करें और ITR फाइल करें
31 मार्च 2024 से पहले टैक्स जमा करना सुनिश्चित करें ताकि ब्याज और जुर्माने से बचा जा सके। इसके अलावा, ITR को समय पर फाइल करें, ताकि आपको किसी भी प्रकार का जुर्माना न भरना पड़े।
इन टिप्स का पालन करके आप पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत अपने टैक्स की बचत कर सकते हैं और अपनी आय को प्रभावी रूप से प्रबंधित कर सकते हैं। याद रखें, समझदारी से किया गया टैक्स प्लानिंग न केवल पैसा बचाने में मदद करता है, बल्कि टैक्स कानूनों का पालन भी सुनिश्चित करता है।