Business mistakes: 6 बिजनेस गलतियाँ जिससे युवाओं को बचना चाहिए, मिलेगी सफलता

Business mistakes: राम एक बेहतरीन शेफ था, खासकर उसके हाथ के बने छोले भटूरे तो उसके रेस्टोरेंट के बेस्ट सेलर थे। वह पिछले 5 सालों से शहर के एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में काम कर रहा था। लेकिन धीरे-धीरे उसे महसूस होने लगा कि मेहनत तो सारी वह करता है, पर सारा क्रेडिट और मुनाफा उसका बॉस ले जाता है। एक दिन उसके दोस्त ने उससे कहा, “तू अपना खुद का फूड जॉइंट क्यों नहीं खोल लेता?” राम को भी बात सही लगी। आखिरकार, रेस्टोरेंट उसके बनाए खाने से ही तो चल रहा था। इसलिए उसने अपनी नौकरी छोड़ दी, सेविंग्स का पिटारा उठाया और अपना खुद का फूड जॉइंट खोल लिया।

शुरुआत में, कुछ जान-पहचान वाले लोग ही उसके जॉइंट में आते थे, लेकिन राम पूरी लगन से काम करता था। उसने जॉइंट को अलग-अलग थीम पर सजाया और लोगों से फीडबैक भी लिया। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ बढ़ने लगी और राम का वर्कलोड भी बढ़ गया। अब न उसे फीडबैक लेने का समय मिलता, न रेस्टोरेंट की सफाई का, क्योंकि उसका सारा समय तो किचन में ऑर्डर प्रिपेयर करने में ही चला जाता था। तब उसे एहसास हुआ कि उसे किसी की मदद की ज़रूरत है, इसलिए उसने एक शेफ को हायर किया ताकि वह मार्केटिंग, अकाउंट्स और कस्टमर्स को संभाल सके।

लेकिन वह शेफ कामचोर निकला और कस्टमर्स खाने की क्वालिटी को लेकर शिकायतें करने लगे। फिर राम ने सोचा कि यह काम उसके अलावा और कोई नहीं कर सकता। उसने उस कर्मचारी को निकाल दिया, पर अब सब कुछ मैनेज करना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा था। इस बार राम ने सोचा कि किसी अनुभवी मैनेजर को रखा जाए और वह खुद किचन पर फोकस करेगा। अब कुछ दिन सब ठीक-ठाक चला, लेकिन बढ़ते काम के कारण राम को 15-16 घंटे काम करना पड़ता। साथ ही, रेस्टोरेंट का किराया, मैनेजर की सैलरी और रॉ मटेरियल के खर्चों के बाद जो उसे मुनाफा होता, उससे घर चलाना भी मुश्किल हो रहा था। आखिरकार, 3 साल तक कोशिश करने और अपनी सारी सेविंग्स खत्म करने के बाद, राम ने अपना रेस्टोरेंट बंद कर दिया और फिर किसी और के रेस्टोरेंट में शेफ का काम करने लगा।

द ई-Myth क्या है?

“ई-Myth” यानी कि एंटरप्रेन्योरशिप का मिथक। हमारे समाज में यह बहुत ही सामान्य सोच है कि बिजनेस शुरू करने वालों में 70% लोग वही होते हैं जो पहले किसी और के लिए काम कर रहे होते हैं और बाद में अपना बिजनेस शुरू करते हैं। जैसे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, हेयरड्रेसर, टेलर्स, शेफ आदि। ये सभी लोग असल में टेक्निशियन होते हैं, लेकिन इन्हें लगता है कि क्योंकि ये अपने काम में एक्सपर्ट हैं, इसलिए ये इन कामों से जुड़े बिजनेस को भी सफलतापूर्वक चला सकते हैं। जबकि सच्चाई इससे काफी अलग होती है।

अगर आप एक टेस्टी पिज्जा बना सकते हो, तो जरूरी नहीं है कि आप डोमिनोज़ या पिज्जा हट जैसा बिजनेस भी चला सकोगे। एक टेक्निशियन को अपना काम बखूबी आता है और वह उसे पसंद भी करता है, इसलिए उसे लगता है कि उसका बिजनेस बस इसी से चल जाएगा और वह पहले ही दिन से एक कर्मचारी की तरह अपने बिजनेस में काम करने लग जाता है। जबकि उसे अपने बिजनेस पर काम करना चाहिए, न कि बिजनेस में।

6 महत्वपूर्ण बातें जिन्हें आपको समझना चाहिए

  1. बिजनेस के तीन स्तंभ: किसी भी बिजनेस को सफलतापूर्वक चलाने के लिए तीन लोगों की जरूरत होती है: एक एंटरप्रेन्योर (जो नए आइडियाज लेकर आता है), एक मैनेजर (जो प्लानिंग और मैनेजमेंट करता है) और एक टेक्निशियन (जो काम को अंजाम देता है)।
  2. बिजनेस के स्टेजेस: हर बिजनेस तीन स्टेजेस से गुजरता है:
    • इन्फेंसी स्टेज: जब बिजनेस नया होता है और फाउंडर अकेले ही सबकुछ मैनेज कर रहा होता है।
    • एडलसेंस स्टेज: जब बिजनेस थोड़ा बड़ा हो जाता है और टीम की जरूरत पड़ती है।
    • मैच्योरिटी स्टेज: जब बिजनेस स्थिर हो जाता है और फाउंडर को प्रतिदिन 15-16 घंटे काम करने की जरूरत नहीं होती।
  3. सिस्टम का निर्माण करें, न कि केवल बिजनेस: मॅकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स या डोमिनोज़ जैसे बड़े ब्रांड्स का हर आउटलेट एक जैसा क्यों होता है? क्योंकि उन्होंने एक मजबूत सिस्टम बनाया है जो हर जगह समान रूप से लागू होता है। इसी प्रकार, आपको भी अपने बिजनेस के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए जो भविष्य में उसे सफल बना सके।
  4. लोगों पर नहीं, सिस्टम पर निर्भर करें: अगर आपका बिजनेस किसी एक व्यक्ति पर निर्भर है, तो वह व्यक्ति अगर चला जाए, तो आपका बिजनेस भी ठप हो सकता है। इसलिए, बिजनेस को एक ऐसे सिस्टम पर आधारित होना चाहिए जो किसी भी व्यक्ति के जाने पर भी चालू रहे।
  5. बिजनेस पर काम करें, न कि उसमें: अगर आपका बिजनेस आप पर पूरी तरह से निर्भर है, तो आप एक बिजनेस नहीं बल्कि एक नौकरी कर रहे हैं। आपको एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जो आपके बिना भी चले।
  6. टर्न की रेवोल्यूशन: अपने बिजनेस को इस तरह विकसित करें कि वह एक दिन खुद से चल सके। बिजनेस का लक्ष्य होना चाहिए कि वह आपकी जिंदगी को बेहतर बनाए, न कि उसे जटिल बनाए।

निष्कर्ष:

माइकल गेरबर की “द ई-Myth Revisited” पुस्तक युवाओं को यह समझाने की कोशिश करती है कि केवल उत्साह से बिजनेस शुरू करना गलत है। बिजनेस के लिए सही माइंडसेट और योजना की जरूरत होती है। टेक्निशियन की तरह काम करने से बिजनेस सफल नहीं होता, बल्कि एक एंटरप्रेन्योर की तरह सोचने और सिस्टम को बनाने से सफलता मिलती है।

बिजनेस की शुरुआत से ही उसकी मैच्योरिटी के बारे में सोचें और उसे उस दिशा में विकसित करें। तभी आप अपने बिजनेस को एक स्थायी और सफल उद्यम में बदल सकते हैं।

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