Village Business idea: विदेशों में बकरी के दूध के साबुन की जबरदस्त डिमांड, लाखों में आर्डर आ रहे

Village Business idea: सोनभद्र के दूरदराज गांवों में, कुछ मेहनती महिलाओं ने अपनी आय बढ़ाने का एक अनोखा तरीका खोजा है – बकरी के दूध से साबुन बनाना। बजरंगबली स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रहा है, और इसका ऑर्डर जर्मनी तक पहुंच चुका है।

बकरी के दूध के साबुन की लोकप्रियता कैसे बढ़ी?

शुरुआत में, जब सोनभद्र की महिलाओं ने बकरी के दूध से साबुन बनाना शुरू किया, तो उन्हें आलोचना और मजाक का सामना करना पड़ा। लेकिन जब लोगों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया और इसके फायदों को महसूस किया, तो इसकी चर्चा तेजी से फैल गई। इस साबुन को पहचान बनाने में लगभग एक साल का समय लगा।

बकरी के दूध के साबुन के मुख्य तत्व

यह साबुन कुछ सरल लेकिन प्रभावी तत्वों के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जो त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। आइए जानते हैं इसके मुख्य तत्व:

तत्वलाभ
बकरी का दूधत्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है, फैटी एसिड से भरपूर होता है, सूजन को कम करता है
ग्लिसरीनत्वचा को हाइड्रेट करता है, नमी बनाए रखता है, संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त
नारियल का तेलएंटी-बैक्टीरियल गुण, त्वचा को पोषण और कोमल बनाता है
बेस साबुन मिश्रणसाबुन को ठोस बनाता है और झाग उत्पन्न करता है, सफाई की प्रक्रिया को बढ़ाता है

स्थानीय महिलाओं पर वित्तीय प्रभाव

यह पहल सोनभद्र की कई महिलाओं के लिए आय का एक स्थिर स्रोत बन गई है। औसतन, प्रत्येक महिला इस व्यवसाय से प्रति माह ₹8,000 से ₹10,000 तक कमा रही है। उनके साबुन की मांग तेजी से बढ़ी है, और हाल ही में उन्हें बनारस से 5,000 साबुन का बड़ा ऑर्डर मिला है।

वित्तीय विवरणमूल्य
प्रत्येक महिला की औसत मासिक आय₹8,000 – ₹10,000
थोक ऑर्डर राशि (5,000 साबुन)₹5,00,000
प्रति साबुन की कीमत₹100

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार

इस पहल की सबसे खास बात इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना है। स्थानीय बाजारों में लोकप्रिय होने के बाद, अब यह साबुन जर्मनी तक निर्यात किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह की सदस्य इंदु दी इसकी विदेश में बिक्री और प्रचार कर रही हैं।

वितरण विवरणस्थान
स्थानीय बाजारदिल्ली, भोपाल, केरल
अंतरराष्ट्रीय बाजारजर्मनी
आगामी बाजारयूएसए, अन्य यूरोपीय देश

उत्पादन प्रक्रिया

उत्पादन की प्रक्रिया एक संगठित प्रणाली के तहत होती है, जहां समूह के विभिन्न सदस्य साबुन बनाने, पैकिंग और वितरण का कार्य संभालते हैं।

यहां साबुन बनाने की प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

  1. बेस को गर्म करना और बकरी का दूध, ग्लिसरीन और नारियल का तेल मिलाना।
  2. मिश्रण को सांचों में डालना।
  3. साबुन को 4-6 दिनों तक सेट होने देना।
  4. “सन बकरी के दूध का साबुन” नाम से पैकिंग और लेबलिंग करना।
उत्पादन समयअवधि
साबुन बनाना4-6 दिन
थोक ऑर्डर पूरा करना6-10 दिन

सरकारी सहयोग और भविष्य की योजनाएं

स्थानीय सरकार और CSR पहल इस उद्यम का सक्रिय रूप से समर्थन कर रही हैं। अडानी समूह द्वारा एक उत्पादन संयंत्र का प्रायोजन किया जा रहा है, जबकि इसे ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेज़न पर लिस्ट करने की कोशिश भी की जा रही है ताकि इसका दायरा और बढ़ सके।

बकरी के दूध के साबुन के फायदे

यह साबुन त्वचा के लिए कई लाभ प्रदान करता है, जिससे इसे उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रियता मिली है। इसके फायदे इस प्रकार हैं:

लाभविवरण
त्वचा को मुलायम बनानात्वचा को चिकना और मुलायम बनाता है
दाग-धब्बे हटानागहरे दाग और असमान त्वचा रंग को कम करने में मदद करता है
रोमछिद्रों को साफ करनारोमछिद्रों को खोलता है और मुंहासों को रोकता है

निष्कर्ष

बकरी के दूध के साबुन की सफलता ने सोनभद्र की महिलाओं के जीवन को बदल दिया है, उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दी है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया है। निरंतर सहयोग और विस्तार के साथ, यह ग्रामीण नवाचार एक वैश्विक सनसनी बनने की पूरी क्षमता रखता है।

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