Up Kisan Card Yojana Registration: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। 1 जुलाई से प्रदेश में UP Kisan Card Yojana की शुरुआत हो रही है। इस योजना के तहत, प्रत्येक किसान को एक विशेष कार्ड जारी किया जाएगा, जो आधार कार्ड की तरह काम करेगा।
इस कार्ड में किसान की सभी आवश्यक जानकारी जैसे आधार नंबर, खसरा खाता नंबर, और अन्य विवरण दर्ज होंगे। यह कार्ड किसानों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्या है यूपी किसान कार्ड योजना?
UP Kisan Card Yojana का उद्देश्य राज्य के किसानों के लिए एक समग्र और संगठित डिजिटल पहचान प्रणाली तैयार करना है। इस योजना के तहत, किसानों का पंजीकरण किया जाएगा और एक विशेष किसान नंबर जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से संबंधित किसान की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
कैसे होगा पंजीकरण?
1 जुलाई से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में दो कर्मचारी मौजूद रहेंगे जो किसानों की जानकारी जैसे नाम, पिता का नाम, भूमि की विवरण, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और ई-केवाईसी विवरण दर्ज करेंगे।
यदि किसी किसान की संपत्ति का स्वामित्व बदलता है, तो इस जानकारी को किसान रजिस्ट्री में अपडेट किया जाएगा। पूरी जानकारी दर्ज होने के बाद, किसान को एक विशेष नंबर जारी किया जाएगा।
योजना के लाभ
- आसान ऋण प्राप्ति: किसान कार्ड के माध्यम से, किसानों को ऋण लेने के लिए बार-बार राजिस्ट्री रिकॉर्ड जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- योजनाओं का क्रियान्वयन: इस कार्ड के माध्यम से, सरकार को किसान कल्याण योजनाओं के निर्माण और उनके कार्यान्वयन में आसानी होगी।
- वेरिफिकेशन और क्षतिपूर्ति: पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, और आपदा के दौरान किसानों को पहचानने और सहायता प्रदान करने में यह कार्ड मदद करेगा।
रजिस्ट्री की पूरी तैयारी
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। राज्य स्तर पर कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। हर गांव में होने वाले शिविरों में किसानों की भूमि और आधार से संबंधित जानकारी मोबाइल ऐप पर अपलोड की जाएगी और किसानों की सहमति ली जाएगी।
दूसरा चरण कब से शुरू होगा?
1 अगस्त से, इस योजना का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें किसान खुद से मोबाइल ऐप के जरिए या जन सुविधा केंद्र पर जाकर अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद, एक विशेष नंबर जारी होगा, जिसके माध्यम से किसान की पूरी जानकारी देखी जा सकेगी।
सभी विवादों का निस्तारण
यदि किसी गांव में एक ही नाम के दो या तीन किसान हैं, तो उनकी जानकारी को अलग-अलग पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में उसे आसानी से सुलझाया जा सके। इसके लिए तहसील और जिला स्तर पर कमेटियां बनाई गई हैं, जो योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगी।
निष्कर्ष
UP Kisan Card Yojana उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल किसानों की डिजिटल पहचान बनाएगी बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में भी मदद करेगी। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करें और किसी भी सवाल या सुझाव के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में हमें लिखें।
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