Success story: युवा महिला किसान, पूजा यादव, इंदौर, मध्य प्रदेश से हैं। उन्होंने अपने फर्म “पिंग ऑर्गेनिक” के तहत पिछले पांच सालों से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने और जैविक खेती पर काम कर रही हैं। पूजा यादव ने कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया है और लगभग छह सालों तक आईटी सेक्टर में काम किया है। इसके बाद उन्होंने खेती का क्षेत्र चुना।
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वर्मी कंपोस्ट प्लांट की जानकारी
पूजा यादव का वर्मी कंपोस्ट प्लांट दो बीघा जमीन पर फैला हुआ है, जिसमें वे 140-150 बेड्स का उपयोग करती हैं। प्रत्येक बेड की लंबाई लगभग 30-45 फीट है।
विवरण | जानकारी |
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फर्म का नाम | पिंग ऑर्गेनिक |
स्थान | इंदौर, मध्य प्रदेश |
प्लांट का क्षेत्रफल | 2 बीघा |
वर्मी कंपोस्ट बेड्स की संख्या | 140-150 बेड्स |
प्रत्येक बेड की लंबाई | 30-45 फीट |
वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया
प्रारंभिक सामग्री और निवेश
वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए 1500 किलो गोबर, त्रिपाल, ग्रीन नेट, और केचवे का उपयोग किया जाता है। एक बेड बनाने का कुल खर्च लगभग 5500 से 6000 रुपये होता है।
विवरण | मात्रा/खर्च |
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गोबर | 1500 किलो |
केचवे | 30 किलो प्रति बेड |
त्रिपाल | 1 प्रति बेड |
ग्रीन नेट | 1 प्रति बेड |
कुल खर्च (1 बेड) | 5500-6000 रुपये |
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उत्पादन और आय
प्रत्येक बेड से 700-800 किलो वर्मी कंपोस्ट खाद प्राप्त होती है। 20 बेड्स से 140 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद मिलती है, जिसे 7 रुपये प्रति किलो बेचा जाता है। इस प्रकार एक चक्र में 98,000 रुपये की आय होती है और साल में तीन चक्रों से 3-4 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।
विवरण | मात्रा/आय |
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प्रत्येक बेड से उत्पादन | 700-800 किलो |
20 बेड्स से उत्पादन | 140 क्विंटल |
प्रति किलो बिक्री मूल्य | 7 रुपये |
एक चक्र की आय | 98,000 रुपये |
वार्षिक आय (3 चक्र) | 3-4 लाख रुपये |
वर्मी कंपोस्ट फर्टिलाइजर का उपयोग
वर्मी कंपोस्ट का उपयोग पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, सोयाबीन आदि में किया जाता है। इसे खेत की अंतिम जुताई से पहले 500-800 किलो प्रति बीघा की मात्रा में डालना चाहिए।
बाजार और ब्रांडिंग
पूजा यादव वर्मी कंपोस्ट खाद को मुख्य रूप से किसानों, नर्सरी, बीज भंडार, और गवर्नमेंट टेंडर्स में बेचती हैं। गुणवत्ता और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे ग्राहक बार-बार उत्पाद खरीदें।
बाजार
विवरण | मुख्य बाजार |
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किसान | किसानों को बल्क में बिक्री |
नर्सरी | अर्बन गार्डनर्स |
बीज भंडार | छोटे और बड़े स्तर पर |
गवर्नमेंट टेंडर्स | गवर्नमेंट की जरूरतों के अनुसार |
ब्रांडिंग
उत्पाद की गुणवत्ता और पैकेजिंग पर ध्यान देना आवश्यक है। नर्सरी और अर्बन एरियाज के लिए पैकेजिंग महत्वपूर्ण है, जबकि किसानों के लिए लागत में कटौती की जा सकती है।
निष्कर्ष
पूजा यादव की कहानी हमें यह सिखाती है कि कैसे एक आईटी प्रोफेशनल भी खेती में कदम रखकर सफलता प्राप्त कर सकता है। वर्मी कंपोस्ट खाद का बिजनेस न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी सहायक है।