Success Story: महिला किसान ने खड़ी की 6 करोड़ की Jaggery Factory, 2 साल में हुआ करोड़ों का PROFIT

Success Story: महाराष्ट्र के बारामती में एक प्रेरणादायक कहानी उभर रही है। डॉ. सुप्रिया बाबडे, जिनके पास रसायन विज्ञान में पीएचडी है, ने पारंपरिक गुड़ बनाने की प्रक्रिया में क्रांति ला दी है। उन्होंने एक ऐसा व्यवसाय खड़ा किया है जो न केवल मुनाफे वाला है, बल्कि स्थानीय महिलाओं और किसानों को सशक्त बना रहा है।

“द केन स्टोरी” की शुरुआत

दो साल पहले, COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, डॉ. बाबडे और उनके पति ने खाद्य क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। बाजार की अच्छी तरह से जांच करने के बाद, उन्होंने गन्ने की खेती में संभावनाएं देखीं। उनके क्षेत्र के कई किसान समय पर फसल काटने में असमर्थ थे, जिससे गन्ना बर्बाद हो जाता था। इस चुनौती ने “द केन स्टोरी” की नींव रखी, जो एक गुड़ उत्पादन इकाई है और कई मायनों में बदलाव ला रही है।

नवाचार की नींव

द केन स्टोरी की सफलता के पीछे कई विशेषताएं हैं:

  1. 100% प्राकृतिक प्रक्रिया: उनके गुड़ में कोई रसायन, एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव्स या रंग नहीं होते।
  2. स्वच्छ उत्पादन: पूरी प्रक्रिया में कम से कम मानव संपर्क होता है, जिससे उत्पाद पूरी तरह स्वच्छ रहता है।
  3. विशिष्ट स्वाद: वे तुलसी, अदरक, लेमनग्रास और पुदीने जैसे फ्लेवर में गुड़ बनाते हैं, जिनके लिए सामग्री उनके खुद के खेतों में उगाई जाती है।
  4. विविध उत्पाद श्रेणी: 1 ग्राम की कैंडी से लेकर 10 किलोग्राम के ब्लॉक्स तक, द केन स्टोरी विभिन्न आकार और रूप में गुड़ उपलब्ध कराती है।

स्थायी और सशक्त मॉडल

द केन स्टोरी केवल मुनाफे पर केंद्रित नहीं है, यह एक ऐसा मॉडल है जो समुदाय को सशक्त बनाता है:

  • महिला सशक्तिकरण: उनके कारखाने में 90% कर्मचारी महिलाएं हैं, जो उन्हें साल भर रोजगार प्रदान करता है।
  • किसान सहयोग: वे 700 से अधिक किसानों के साथ काम करते हैं, समय पर फसल काटते हैं और उचित मूल्य पर गन्ना खरीदते हैं।
  • स्थायी ईंधन: कारखाना गन्ने के कचरे का उपयोग ईंधन के रूप में करता है, जिससे बाहरी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होती है।

कारखाने से बाजार तक

गन्ने से तैयार गुड़ तक की यात्रा डॉ. बाबडे की विस्तार पर ध्यान देने की मिसाल है:

  1. कटाई: गन्ने की सही समय पर कटाई की जाती है ताकि उसमें चीनी की मात्रा अधिक हो।
  2. प्रसंस्करण: गन्ने को धोकर, उसका रस निकाला जाता है और उसे कई बार छाना जाता है।
  3. पकाना: रस को धीरे-धीरे पकाया जाता है, और फ्लेवर्ड गुड़ के लिए प्राकृतिक सामग्री मिलाई जाती है।
  4. ढलाई: पके हुए गुड़ को विभिन्न सांचों में डाला जाता है, 1 ग्राम की कैंडी से लेकर बड़े ब्लॉक्स तक।
  5. पैकेजिंग: स्वच्छ पैकेजिंग से उत्पाद को ताजा और सुरक्षित रखा जाता है।

बाजार में पहुंच और भविष्य की योजनाएं

द केन स्टोरी ने पहले ही बाजार में अपनी जगह बना ली है:

  • उनके उत्पाद महाराष्ट्र के 600-700 दुकानों पर उपलब्ध हैं, और अब गुजरात और राजस्थान में विस्तार कर रहे हैं।
  • उनके “टी क्यूब” और गुड़ के शरबत को कनाडा निर्यात करने की मंजूरी मिल चुकी है।
  • कंपनी अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर ध्यान दे रही है, इसके लिए आवश्यक पंजीकरण भी हो चुके हैं।

चुनौतियां और सफलताएं

हर नए व्यवसाय की तरह, द केन स्टोरी ने शुरुआत में कठिनाइयों का सामना किया, खासकर उनके शुद्ध, रसायन मुक्त गुड़ के बारे में जागरूकता पैदा करने में। लेकिन उनके गुणवत्ता और नवाचार ने उन्हें इन मुश्किलों को पार करने में मदद की।

उद्यमियों के लिए एक संदेश

डॉ. बाबडे का शैक्षणिक क्षेत्र से उद्यमिता की ओर सफर सभी के लिए, विशेषकर महिलाओं के लिए, प्रेरणादायक संदेश देता है: “कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। जरूरी है कि आप लगातार काम करते रहें। सरकार अब स्टार्टअप्स के लिए बेहतरीन सहायता प्रदान कर रही है। अगर आप मेहनत करते रहेंगे, तो आप भी एक बड़ा कदम उठा सकते हैं, जैसे हमने ‘द केन स्टोरी’ के साथ किया।”

निष्कर्ष

द केन स्टोरी सिर्फ एक गुड़ का व्यवसाय नहीं है; यह नवाचार, स्थिरता और महिला उद्यमिता की ताकत की मिसाल है। स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर बढ़ने तक, डॉ. सुप्रिया बाबडे का यह उद्यम जीवन में मिठास घोल रहा है, एक गुड़ के टुकड़े के साथ।

1 thought on “Success Story: महिला किसान ने खड़ी की 6 करोड़ की Jaggery Factory, 2 साल में हुआ करोड़ों का PROFIT”

Leave a comment