Success Story: जाने कैसे दीप्ति अवस्थी शर्मा ने खड़ा किया 50 करोड़ का बिजनेस साम्राज्य

Success Story: कहते हैं कि असफलताएं सफलता की सीढ़ी होती हैं। इस बात को दीप्ति अवस्थी शर्मा ने अपने जीवन में सच कर दिखाया। कई बार फेल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनका संघर्ष, साहस और कड़ी मेहनत उन्हें 50 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले बिजनेस गोहोर्डिंग्स की सह-संस्थापक बना गया। यह कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहा है।


प्रारंभिक जीवन और असफलताओं से सामना

दीप्ति का जीवन शुरू से ही संघर्षों से भरा रहा।

  1. सीए की असफलता: दीप्ति ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की पढ़ाई शुरू की लेकिन बार-बार फेल होती रहीं।
  2. नौकरी का संघर्ष: दीप्ति ने करियर बनाने के लिए कई नौकरियों के लिए प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
  3. पहले बिजनेस का नुकसान: नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया, लेकिन वह भी पूरी तरह असफल रहा और भारी कर्ज में डूब गईं।
  4. सामाजिक दबाव और अकेलापन: परिवार और समाज से “अच्छी गृहिणी” बनने का दबाव और दोस्तों का साथ छूट जाना उनके लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था।

इन सबके बावजूद, दीप्ति ने हार मानने की बजाय हर ठोकर से सीखने का मन बनाया।


गोहोर्डिंग्स की शुरुआत: संघर्ष से उम्मीद की किरण तक

सपने को साकार करने की योजना

2015 में दीप्ति की शादी विकास शर्मा से हुई। दोनों ने अपनी असफलताओं से मिले सबक और अनुभव का इस्तेमाल कर 2016 में गोहोर्डिंग्स की शुरुआत की।

  • व्यवसाय का उद्देश्य: आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन क्षेत्र को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर व्यवस्थित बनाना।
  • प्रारंभिक चुनौतियां:
    • विज्ञापन क्षेत्र में दलालों का हावी होना।
    • फर्जी मालिकों के कारण ग्राहकों को नुकसान।
  • रणनीति:
    • भारत के प्रमुख महानगरों में OOH इंडस्ट्री का गहन अध्ययन।
    • 500 से अधिक मीडिया मालिकों को प्लेटफॉर्म पर जोड़ना।
    • ग्राहकों को पारदर्शिता और किफायती दरों पर सेवाएं देना।

गोहोर्डिंग्स की सफलता: कैसे मिली उड़ान

गोहोर्डिंग्स ने केवल 15 महीनों में 11 करोड़ रुपये का कारोबार किया और आज इसका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है।

दीप्ति और विकास की भूमिकाएं

  • दीप्ति की जिम्मेदारी:
    • सेल्स और कस्टमर सैटिस्फैक्शन पर ध्यान देना।
    • ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करना।
  • विकास का योगदान:
    • कंपनी के तकनीकी पक्षों का संचालन।

गोहोर्डिंग्स के माध्यम से ग्राहक ऑनलाइन OOH विज्ञापन कैंपेन बुक करने, खरीदने और योजना बनाने की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बना सकते हैं।


गोहोर्डिंग्स के सफर में आई चुनौतियां

  1. बाजार में पारदर्शिता की कमी:
    • दलाल विज्ञापन साइटों के फर्जी मालिक बनकर कीमतों में मनमानी करते थे।
    • ग्राहकों को अधिक कीमतों पर खराब सेवाएं मिलती थीं।
  2. विश्वास निर्माण का संघर्ष:
    • दीप्ति और उनकी टीम ने पूरे भारत में OOH क्षेत्र का विस्तार किया।
    • गोहोर्डिंग्स ने ग्राहकों और मीडिया मालिकों के बीच विश्वास और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी।

पुरस्कार और पहचान

दीप्ति की कड़ी मेहनत और उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें कई सम्मान मिले:

  • क्वीन ऑफ बिलबोर्ड्स: OOH इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए दी गई उपाधि।
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय युवा कांग्रेस महिला उद्यमी पुरस्कार: विज्ञापन क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए।
  • वुमन इकनॉमिक फोरम द्वारा सम्मानित: अंतरराष्ट्रीय मंच जो महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।

गोहोर्डिंग्स की विशेषताएं

ग्राहकों के लिए फायदेमंद

  1. पारदर्शी सेवाएं:
    • बिना दलालों की भागीदारी के सीधा और किफायती विज्ञापन बुकिंग।
  2. डिजिटल सुलभता:
    • ग्राहकों को OOH विज्ञापन कैंपेन की योजना बनाने, बुक करने और खरीदने का ऑनलाइन विकल्प।
  3. मीडिया मालिकों के लिए:
    • एक प्लेटफॉर्म जहां वे अपनी सेवाओं को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।

प्रेरणा का संदेश

दीप्ति अवस्थी शर्मा की यह कहानी प्रेरणा देती है कि असफलताओं को सफलता की सीढ़ी बनाएं।

  • हर असफलता हमें कुछ नया सिखाती है।
  • मेहनत और दृढ़ निश्चय से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

उनकी सफलता का मूलमंत्र यही है: “कभी हार मत मानो।”


निष्कर्ष

दीप्ति अवस्थी शर्मा की यह कहानी बताती है कि जिंदगी में कितनी भी ठोकरें क्यों न लगें, हर बार उठने की कोशिश करनी चाहिए। उनका जीवन और उनका व्यवसाय हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में संघर्ष कर रहा है। गोहोर्डिंग्स की सफलता इस बात का उदाहरण है कि मेहनत और दृढ़ता से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

FAQs

1. गोहोर्डिंग्स क्या है?
गोहोर्डिंग्स एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां ग्राहक OOH (आउट-ऑफ-होम) विज्ञापन बुक कर सकते हैं।

2. गोहोर्डिंग्स की शुरुआत कैसे हुई?
2016 में दीप्ति और विकास ने OOH इंडस्ट्री में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की।

3. दीप्ति को ‘क्वीन ऑफ बिलबोर्ड्स’ क्यों कहा जाता है?
OOH इंडस्ट्री में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दीप्ति को यह उपाधि मिली।

4. गोहोर्डिंग्स के जरिये क्या-क्या किया जा सकता है?
ग्राहक OOH विज्ञापन कैंपेन को बुक, खरीद और योजना बना सकते हैं।

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