Success Story: गाँव में रहकर ऐसे बनाये आंवले के प्रोडक्ट से 2 करोड़

Success Story: उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला अपने उच्च गुणवत्ता वाले आंवला (इंडियन गूजबेरी) उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है, जो अब भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बिक रहे हैं। ऐसे ही एक सफल व्यवसायी हैं आशीष जयसवाल, जिन्होंने आंवला आधारित उत्पादों के व्यवसाय को सफलतापूर्वक खड़ा किया है, जिसमें आंवला कैंडी, जूस, आंवला पाउडर, मुरब्बा और भी कई उत्पाद शामिल हैं।

यह लेख प्रतापगढ़ से आंवला उत्पादों के व्यवसाय की यात्रा, इसके सामने आई चुनौतियाँ और कैसे यह उद्योग साल दर साल बढ़ता गया, इस पर प्रकाश डालता है।

आंवला उत्पादों का उभार

आंवला, जो विटामिन C का एक बेहतरीन स्रोत है, सदियों से घरों में उपयोग होता आ रहा है। प्रतापगढ़ में आंवला का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है और यहां के स्थानीय किसान इस प्राकृतिक संसाधन से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाते हैं। इनमें शामिल हैं:

उत्पाद प्रकारविवरण
आंवला कैंडीआंवला से बनी मिठी और खट्टी कैंडी।
आंवला जूसताजे आंवला से बने जूस के स्वास्थ्य लाभ।
आंवला मुरब्बाआंवला का मीठा मुरब्बा, जिसे पाचन में मदद के रूप में खाया जाता है।
आंवला चटनीआंवला से बनी मसालेदार और खट्टी चटनी।
आंवला पाउडरसूखा और पिसा हुआ आंवला, जिसका उपयोग औषधीय और रसोई में होता है।
आंवला लड्डूआंवला और गुड़ से बने पारंपरिक लड्डू।
आंवला बर्फीआंवला और चीनी से बनी स्वादिष्ट बर्फी।

ये उत्पाद स्थानीय बाजारों में बेचे जाते हैं और अब कई भारतीय राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली सहित विदेशों में भी बिकते हैं।

छोटे स्तर से शुरूआत: बाइक से फैक्ट्री तक

आंवला आधारित इस व्यवसाय की शुरुआत 2009 में एक छोटे से सेटअप से हुई थी। आशीष ने आंवला उत्पादों को हाथ से बनाना शुरू किया और उन्हें एक बाइक पर बेचते थे। जैसे-जैसे मांग बढ़ी, उन्होंने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को विस्तार देना शुरू किया और तीन-व्हीलर का इस्तेमाल किया। आज, उनका व्यवसाय काफी बड़े पैमाने पर फैल चुका है, और उनके पास चार से पांच वाहन हैं जो उत्पादों की आपूर्ति करते हैं।

वर्षराजस्ववाहनों की संख्याउत्पादन सेटअप
2009₹10,000 प्रति वर्ष1 वाहनमैन्युअल उत्पादन, छोटे पैमाने पर
2024₹2 करोड़ प्रति वर्ष4-5 वाहनस्वचालित उत्पादन, आधुनिक मशीनरी

शुरुआत में, आशीष स्वयं ही पूरा उत्पादन प्रक्रिया संभालते थे। यह प्रक्रिया श्रमसाध्य थी, और अधिकांश काम हाथ से किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे व्यवसाय बढ़ा, उन्होंने अपनी उत्पादन उपकरणों को अपडेट किया और छोटे हाथ से संचालित सेटअप से बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली बॉयलर आधारित प्रणाली में बदलाव किया।

उत्पादों की विविधता

जो व्यवसाय आंवला मुरब्बा और लड्डू बनाने से शुरू हुआ था, वह अब विभिन्न प्रकार के उत्पादों में बदल चुका है। आशीष और उनकी पत्नी प्रीति जयसवाल, जो गुणवत्ता और पैकेजिंग का ध्यान रखती हैं, ने कई नए उत्पाद बाजार में पेश किए हैं।

कई नए उत्पादों में शामिल हैं:

  • आंवला चटनी: मसालेदार और खट्टी, पाचन के लिए फायदेमंद।
  • आंवला कैंडी (मीठी और मसालेदार): पारंपरिक कैंडी का एक नया रूप।
  • आंवला पाउडर: इसके स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुणों के लिए उपयोग किया जाता है।

प्रमुख चुनौतियाँ और बाजार में वृद्धि

आशीष के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने उत्पादों को एक प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अलग दिखाने की थी। शुरू में, कई स्थानीय विक्रेता आंवला उत्पादों को बहुत कम कीमत पर बेच रहे थे, लेकिन आशीष ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता और पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित किया, और धीरे-धीरे ग्राहकों का विश्वास जीता। समय के साथ, उनके उत्पादों को उच्च गुणवत्ता के लिए पहचाना जाने लगा और मांग में स्थिर वृद्धि हुई।

चुनौतियाँसमाधान
कम कीमत पर प्रतिस्पर्धाउच्च गुणवत्ता और अच्छी पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित
बाजार में प्रवेश की कठिनाईनियमित डिलीवरी, मजबूत ग्राहक संबंध और विश्वसनीय ब्रांड
उत्पादन का विस्तारस्वचालित मशीनों और बड़े उत्पादन सुविधाओं में निवेश

आशीष के उत्पादों को उनके उच्च गुणवत्ता और पैकेजिंग के लिए सराहा गया। आज उनके उत्पाद कई राज्यों में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिक रहे हैं, और UAE, USA जैसे देशों में भी इनकी मांग बढ़ी है।

भविष्य की योजनाएँ: नए आयामों तक विस्तार

आगे बढ़ते हुए, आशीष अपने व्यवसाय को और भी बड़े स्तर पर विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि वे सालाना ₹10 करोड़ तक के राजस्व तक पहुँचें, इसके लिए वे उत्पाद विकास में लगातार नवाचार और अपने उत्पादों की पहुंच को बढ़ाने पर काम करेंगे।

वे विदेशों में और अधिक निर्यात बाजारों के साथ सहयोग करने के अवसर भी तलाश रहे हैं, ताकि प्रतापगढ़ के आंवला आधारित उत्पादों की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाया जा सके।

निष्कर्ष

आंवला उत्पादों के व्यवसाय में आशीष जयसवाल की यात्रा एक उदाहरण है कि छोटे स्तर पर प्राकृतिक उत्पादों के व्यवसाय को कैसे एक वैश्विक ब्रांड बनाया जा सकता है। जैसे-जैसे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं, आंवला और इसके लाभों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।

प्रतापगढ़ का आंवला उद्योग यह दिखाता है कि अगर मेहनत, गुणवत्ता और सही व्यापार रणनीतियाँ हों, तो स्थानीय उत्पाद को एक वैश्विक ब्रांड में बदला जा सकता है।

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