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Solar Panel: सोलर प्लांट लगाकर खेत से लाखों कमा रहा किसान, 1 बार आप भी पढ़ें - Rajswasthya.in

Solar Panel: सोलर प्लांट लगाकर खेत से लाखों कमा रहा किसान, 1 बार आप भी पढ़ें

Solar Panel: हाल के वर्षों में, ग्रामीण भारत ने सरकार की सक्रिय नीतियों और नवीन योजनाओं के कारण उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। ऐसी ही एक योजना है कुसुम कम्पोनेंट के तहत सोलर प्लांट पहल, जिसने किसानों के जीवन को काफी प्रभावित किया है। इस लेख में, अलवर, राजस्थान के बनसूर गांव के किसान नीरज जी के साथ एक प्रेरणादायक बातचीत पर चर्चा की गई है, जिसमें उन्होंने सोलर ऊर्जा को पारंपरिक खेती के साथ मिलाने की अपनी यात्रा को साझा किया है।

पारंपरिक खेती से सोलर ऊर्जा तक

नीरज जी का परिवार पीढ़ियों से पारंपरिक खेती कर रहा है, जिसमें गेहूं, सरसों और बाजरा की खेती शामिल है। हालांकि, घटती आय और परंपरागत कृषि की चुनौतियों, जैसे अनिश्चित मौसम और जल संकट ने उन्हें वैकल्पिक आय स्रोतों की खोज करने के लिए प्रेरित किया। इसका समाधान कुसुम कम्पोनेंट-ए योजना के रूप में आया, जिसे 2019 में केंद्र सरकार ने शुरू किया था, जिसका उद्देश्य सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देना था।

सोलर प्लांट योजना को अपनाना

नीरज जी ने 32 बीघा (लगभग 12.8 एकड़) भूमि पर 1 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित कर एक साहसी कदम उठाया। इस उद्यम को सेल्को एनर्जी कंपनी द्वारा तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सोलर प्लांट के लिए प्रारंभिक निवेश लगभग ₹15 करोड़ था, जिसमें महत्वपूर्ण सब्सिडी और बैंक ऋण शामिल थे।

वित्तीय उन्नति और स्थिरता

सोलर प्लांट के वित्तीय लाभ जल्दी ही स्पष्ट हो गए। शुरू में, प्लांट से ₹80,000 प्रतिदिन की आय हो रही थी, जो प्रणाली के स्थिर होते ही ₹1 लाख प्रतिदिन हो गई। इस नियमित आय ने नीरज जी के परिवार के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया, जिससे उन्हें लगभग ₹30-32 लाख प्रति माह की आय हो रही है। प्लांट के पांच वर्षों में अपने आप भुगतान करने की उम्मीद है, जिसमें वार्षिक आय का प्रक्षेपण ₹3.6 करोड़ है।

पैरामीटरमूल्य
प्रारंभिक दैनिक आय₹80,000
वर्तमान दैनिक आय₹1,00,000
मासिक आय₹30-32 लाख
वार्षिक आय प्रक्षेपण₹3.6 करोड़
भुगतान अवधि5 वर्ष
प्रारंभिक निवेश₹15 करोड़

तकनीकी एकीकरण और दक्षता

सोलर प्लांट की दक्षता सेल्को एनर्जी से उन्नत तकनीक और इंजीनियरिंग समर्थन द्वारा बढ़ाई गई है। प्रणाली में उच्च दक्षता वाले 540-वाट सोलर पैनल, इन्वर्टर जो डीसी को एसी में परिवर्तित करते हैं, और ग्रिड आपूर्ति के लिए वोल्टेज को बढ़ाने वाले ट्रांसफार्मर शामिल हैं। पूरा सेटअप पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है, जो पड़ोसी खेतों या स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता।

तकनीकविवरण
सोलर पैनल क्षमता540 वाट
कुल पैनल10,000
इन्वर्टर कार्यडीसी को एसी में परिवर्तित करना
ट्रांसफार्मर कार्यवोल्टेज को 33 केवी तक बढ़ाना
वारंटी27 वर्ष
बीमा कवरेज₹18 करोड़

दोहरे लाभ: खेती और सोलर ऊर्जा

सोलर प्लांट सेटअप का एक अनोखा लाभ इसकी दोहरे उपयोग की क्षमता है। जबकि प्राथमिक ध्यान सोलर ऊर्जा उत्पन्न करने पर है, पैनलों की ऊंचाई बढ़ाकर नीचे कृषि गतिविधियों की अनुमति देने का विकल्प भी है। यह दृष्टिकोण किसानों को गेहूं और चना जैसी फसलें उगाने की अनुमति देता है, भूमि उपयोग को अधिकतम करता है और अतिरिक्त आय उत्पन्न करता है।

सरकारी समर्थन और भविष्य की संभावनाएं

2022 में शुरू की गई कुसुम कम्पोनेंट-सी योजना ने कृषि में सोलर ऊर्जा की संभावनाओं को और भी बढ़ा दिया। इस योजना के तहत 20-30% सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे किसानों के लिए यह अधिक सुलभ हो गया है। सरकारी समर्थन, बैंक ऋण, और सेल्को एनर्जी की कुशल इंजीनियरिंग के साथ, नीरज जी ने अपने सोलर प्लांट की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाया, जो राजस्थान में अपनी तरह का पहला है।

योजनाविवरण
कुसुम कम्पोनेंट-ए (2019)प्रारंभिक 1 मेगावाट सोलर प्लांट
कुसुम कम्पोनेंट-सी (2022)5 मेगावाट तक का विस्तार
सब्सिडी20-30%
बैंक ऋणविभिन्न बैंकों से महत्वपूर्ण समर्थन
कुल निवेश₹15 करोड़
सब्सिडी राशि₹2.95 करोड़
ऋण राशि₹12 करोड़

दीर्घायु और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना

सोलर प्लांट की विश्वसनीयता पैनलों पर 27 साल की वारंटी के साथ सुनिश्चित की जाती है, जो दीर्घकालिक स्थिरता की गारंटी देती है। नियमित रखरखाव, जिसमें मासिक सफाई और पैनलों की सफाई के लिए उन्नत रोबोटिक सिस्टम का उपयोग शामिल है, इष्टतम प्रदर्शन सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, प्लांट पूरी तरह से बीमित है, जो संभावित जोखिमों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

निष्कर्ष

कुसुम कम्पोनेंट के तहत सोलर प्लांट पहल ने नीरज जी जैसे किसानों के लिए कृषि परिदृश्य को बदल दिया है। यह न केवल एक स्थिर आय प्रदान करता है बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और कुशल भूमि उपयोग भी सुनिश्चित करता है। सरकारी समर्थन और तकनीकी प्रगति के साथ, ग्रामीण भारत में सोलर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल दिखता है। किसानों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो सोलर ऊर्जा और कृषि के दोहरे लाभों का उपयोग कर समृद्ध भविष्य के लिए कदम बढ़ा सकते हैं।

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