New Business idea: बिना मेडिकल डिग्री के भी दे रही फ्रैंचाइज़ी, ऐसे कमाए लाखों

New Business idea: दोस्तों, हर साल लाखों लोग भारत में मेडिकल खर्चों के चलते गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, हॉस्पिटलाइजेशन, सर्जरी और मेडिसिन के कारण 5 करोड़ से अधिक लोग आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं, जिसमें सबसे बड़ा खर्चा मेडिसिन का होता है। इस समस्या का समाधान जन औषधि केंद्र के जरिए हो सकता है। जन औषधि केंद्र पर ब्रांडेड की जगह सस्ती जेनेरिक दवाइयां मिलती हैं, जिससे मरीजों का 80% तक खर्च कम हो सकता है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र कैसे खोल सकते हैं, इसके लिए क्या शर्तें हैं, कितना निवेश करना होगा, और इसके फायदे क्या हैं। अगर आप भी इस लाभकारी बिजनेस का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।

जेनेरिक और ब्रांडेड मेडिसिन का अंतर

  1. जेनेरिक मेडिसिन – ये दवाइयां ब्रांडेड मेडिसिन की तरह ही असरदार होती हैं, लेकिन इनका मूल्य बहुत कम होता है। जब किसी मेडिसिन का पेटेंट खत्म हो जाता है, तो वो जेनेरिक मेडिसिन बन जाती है, जिसे कोई भी कंपनी बना सकती है।
  2. ब्रांडेड मेडिसिन – पेटेंट वाली ये दवाइयां महंगी होती हैं और इन्हें खास कंपनियां ही बनाती हैं। डॉक्टर्स इन्हें ही सुझाते हैं, क्योंकि उनके पीछे बड़ी कंपनियों के साथ टाइअप्स होते हैं।

भारत में मेडिसिन का 90% तक हिस्सा ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाइयों का है, लेकिन जेनेरिक मेडिसिन पर स्विच करके लोग अपने खर्च को 80% तक कम कर सकते हैं।

जन औषधि केंद्र खोलने का तरीका

अगर आप प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ शर्तें हैं:

  1. शैक्षिक योग्यता: आपके पास D.Pharm या B.Pharm की डिग्री होनी चाहिए। अगर आपके पास ये डिग्री नहीं है, तो आप किसी ऐसे व्यक्ति को हायर कर सकते हैं, जिसके पास ये डिग्री हो।
  2. स्थान: कम से कम 120 स्क्वायर फीट का स्थान होना चाहिए।
  3. फार्मासिस्ट लाइसेंस: आपके स्टोर पर एक लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट होना अनिवार्य है।
  4. आवेदन शुल्क: सामान्य कैटेगरी के लिए ₹5000 आवेदन शुल्क है, लेकिन SC/ST, दिव्यांग, एक्स-सर्विसमैन और बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट के आवेदकों के लिए यह शुल्क माफ है।
  5. प्रतिस्पर्धा: 1 किलोमीटर के अंदर कोई अन्य जन औषधि केंद्र नहीं होना चाहिए। यदि आपके क्षेत्र में सरकारी या 100 से अधिक बेड वाले निजी अस्पताल हैं, तो आप 500 मीटर की दूरी पर केंद्र खोल सकते हैं।

निवेश और प्रॉफिट

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए लगभग ₹6 से ₹7 लाख का निवेश करना होता है:

  • इंटीरियर और उपकरण: लगभग ₹2 लाख का खर्चा।
  • मेडिसिन स्टॉक: प्रारंभिक रूप से ₹4 लाख का मेडिसिन स्टॉक।

महिलाओं और विशेष कैटेगरी के उद्यमियों को सरकार की ओर से ₹2 लाख तक का इंसेंटिव भी मिलता है, जिसमें से ₹1 लाख फर्नीचर और ₹1 लाख कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि के लिए मिलता है।

प्रॉफिट मार्जिन

  • आप प्रति महीने ₹1 लाख की बिक्री पर ₹20,000 का मुनाफा कमा सकते हैं।
  • आपकी बिक्री पर सरकार 15% का अतिरिक्त इंसेंटिव देती है, जो ₹2.5 लाख तक कैप्ड होता है।

उदाहरण: अगर आप ₹1 लाख की बिक्री करते हैं, तो आपको ₹15,000 का इंसेंटिव मिलेगा।

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लाभ

  1. लोगों की मदद: आप सस्ती दवाइयां देकर समाज की मदद कर सकते हैं।
  2. सरकारी इंसेंटिव: महिला उद्यमियों और बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट के लिए विशेष इंसेंटिव्स।
  3. लंबी अवधि में स्थिर प्रॉफिट: जन औषधि केंद्र की मांग बढ़ रही है, जिससे आपका व्यवसाय लंबे समय तक चल सकता है।
  4. कम प्रतिस्पर्धा: ग्रामीण और उपनगरीय इलाकों में जन औषधि केंद्र की मांग तेजी से बढ़ रही है, जहां प्रतियोगिता कम है।

कैसे करें आवेदन?

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आपको जन औषधि की आधिकारिक वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा:

  1. वेबसाइट पर जाएं और “Apply for Kendra” पर क्लिक करें।
  2. सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन शुल्क जमा करें।
  3. सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, आप अपना केंद्र खोल सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलना एक लाभकारी बिजनेस ऑप्शन है, खासकर उन लोगों के लिए जो समाज की सेवा करना चाहते हैं और साथ ही एक अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं। यह एक लंबी अवधि का व्यवसाय है, जिसमें सरकार की ओर से भी इंसेंटिव्स मिलते हैं। अगर आपके पास उचित जगह है और आप जेनेरिक मेडिसिन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो जन औषधि केंद्र आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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