New Business idea: इस जापानी फल की खेती करके कमा रहे लाखों, जबरदस्त डिमांड

New Business idea: जापानी फल, जिसे Persimmon के नाम से भी जाना जाता है, भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस फल की खेती से किसानों को अच्छी आय प्राप्त हो रही है। इसकी मिठास और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण देशभर से व्यापारी इसकी खरीदारी करने आ रहे हैं। यह फल खासकर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू क्षेत्र में लंबे समय से उगाया जा रहा है, लेकिन अब इसकी मांग और पहचान तेजी से बढ़ रही है।

जापानी फल की विशेषताएँ:

  1. स्वाद और गुणवत्ता: जापानी फल पकने पर शहद जैसी मिठास लिए होता है। इसका आकार टमाटर जैसा लेकिन हल्का चपटा होता है, और रंग सुनहरा होता है। यह फल खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है और ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त है।
  2. अच्छी बाजार मांग: इस फल की मांग तेजी से बढ़ रही है। खासकर सर्दियों के मौसम में जब अन्य फल उपलब्ध नहीं होते, यह फल बाजार में उपलब्ध होता है। बिना कोल्ड स्टोरेज के भी इसे बेच सकते हैं, जिससे इसकी खेती और भी फायदेमंद हो जाती है।
  3. प्रमुख वैरायटी: ‘फूयू’ वैरायटी खासतौर पर लोकप्रिय है। इसके पौधों की ग्राफ्टिंग की जाती है ताकि यह जल्दी और बेहतर फल दे सके। इस फल की खेती मुख्यतः सर्दियों में की जाती है, और इसकी हार्वेस्टिंग अक्टूबर से दिसंबर तक चलती है।
  4. खेती का तरीका: जापानी फल की खेती के लिए पौधों के बीच 12 फीट की दूरी रखी जाती है और पंक्तियों के बीच 16 फीट की दूरी रखी जाती है। प्रूनिंग तकनीक के माध्यम से इसे मनचाहे आकार में ढाला जा सकता है। पौधा 3-4 साल के भीतर फल देना शुरू कर देता है, और इसकी लाइफ भी लंबी होती है।

खेती की जानकारी सारणी:

विवरणजानकारी
पौधों के बीच की दूरी12 फीट
पंक्तियों के बीच की दूरी16 फीट
फसल का समयअक्टूबर-दिसंबर
पहली फसल का समय3-4 साल में
प्रमुख वैरायटीफूयू
कीटनाशक का उपयोगन के बराबर
  1. ऑर्गेनिक खेती: इस फल की खेती में कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग होता है, जिससे यह ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त बनता है। बारिश के मौसम में फंगीसाइड का हल्का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन अन्य कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं पड़ती।

जापानी फल की खेती के फायदे:

  • लंबी फसल अवधि: फसल के साथ इसका बाजार में लंबे समय तक बने रहना इसे लाभकारी बनाता है।
  • न्यूनतम लागत: कम कीटनाशकों और आसान प्रबंधन की वजह से लागत कम होती है।
  • उच्च आय: स्थानीय मंडियों में यह फल ₹100-₹200 प्रति किलो बिकता है, और कुछ स्थानों पर ₹1200 प्रति किलो तक की कीमतें देखी गई हैं।

कीमत सारणी:

स्थानकीमत (₹/किलो)
स्थानीय बाजार₹100-₹200
उच्च मांग वाले क्षेत्र₹1200

Conclusion

जापानी फल की खेती किसानों के लिए आय का एक उत्कृष्ट स्रोत बन सकती है। इसकी बढ़ती मांग और ऑर्गेनिक खेती के अनुकूलता इसे विशेष बनाती है। यदि आप एक किसान हैं, तो इसे अपने बागानों में शामिल करके अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

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