How to open CC limit Account: बैंक सीसी लिमिट क्या है? ऐसे मिलेगी सबसे ज्यादा लिमिट

How to open CC limit Account: दोस्तों, आज हम बात करेंगे बैंक की CC लिमिट के बारे में। यदि आप भी अपने व्यवसाय के लिए CC (कैश क्रेडिट) लिमिट लेना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम जानेंगे कि बैंक CC लिमिट क्या होती है, इसे कैसे प्राप्त किया जाता है, और कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।

बैंक CC लिमिट क्या है?

CC लिमिट एक प्रकार का क्रेडिट है जो बैंक बिजनेस के लिए देता है। यह आपकी जरूरत के अनुसार बैंक से ली गई एक निश्चित राशि है, जो आप बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे व्यापारिक आवश्यकताओं के लिए कार्यशील पूंजी के रूप में उपयोग किया जाता है। बैंक इस लिमिट को आपके व्यवसाय की लेनदेन और प्रॉपर्टी के आधार पर तय करता है।

CC लिमिट के लिए पात्रता

  1. प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन: यदि आपके पास प्रॉपर्टी है और उसका टाइटल क्लियर है, तो ही आप CC लिमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  2. सिबिल स्कोर: आपका सिबिल स्कोर 700 से ऊपर होना चाहिए। यदि आपका सिबिल स्कोर कम है, तो बैंक CC लिमिट देने में कठिनाई कर सकता है।
  3. बिजनेस का टर्नओवर: बैंक आपके पिछले साल के टर्नओवर को भी ध्यान में रखता है। यदि आपका बैंक में क्रेडिट साइड का टर्नओवर और GST एवं इनकम टैक्स रिटर्न्स मैच करते हैं, तो आपका आवेदन स्वीकार होने की संभावना अधिक होती है।

CC लिमिट के लिए बैंक कैसे करता है आकलन?

बैंक आपके पिछले साल के टर्नओवर और भविष्य के प्रोजेक्शन के आधार पर आपकी CC लिमिट तय करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका टर्नओवर 15 लाख रुपये है, तो बैंक आपको 20% तक की CC लिमिट यानी 3 लाख रुपये दे सकता है।

इसके अलावा, बैंक आपके स्टॉक की भी जांच करता है। यदि आपके पास 5 लाख रुपये का स्टॉक है और आपको बाजार में 1 लाख रुपये का पेमेंट करना है, तो बैंक आपके 4 लाख के स्टॉक के आधार पर 75% तक यानी 3 लाख रुपये की CC लिमिट दे सकता है।

CC लिमिट के लिए आवश्यक दस्तावेज़

  1. सिबिल स्कोर रिपोर्ट: बैंक में जमा करने से पहले अपना सिबिल स्कोर चेक कर लें।
  2. प्रॉपर्टी की सर्च रिपोर्ट और वैल्यूएशन: आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू और उसकी सर्च रिपोर्ट क्लियर होनी चाहिए।
  3. फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स: पिछले साल की बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट, इनकम टैक्स रिटर्न, और GST रिटर्न जमा करने होंगे।
  4. व्यक्तिगत डॉक्यूमेंट्स: आधार कार्ड, पैन कार्ड, और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
  5. गारंटर: आपके पास दो गारंटर होने चाहिए जिनका सिबिल स्कोर भी अच्छा हो।

CC लिमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया

  1. प्रॉपर्टी का मूल्यांकन: सबसे पहले अपनी प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन और सर्च रिपोर्ट तैयार करवा लें।
  2. सिबिल स्कोर चेक करें: यह सुनिश्चित करें कि आपका सिबिल स्कोर 700 या उससे अधिक है।
  3. बैंक से संपर्क करें: बैंक के ब्रांच मैनेजर से मिलें और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।
  4. ट्रांजैक्शन हिस्ट्री दिखाएं: यदि आपका बैंक में करंट अकाउंट है, तो उसकी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री बैंक को दिखाएं। इससे बैंक को यह समझने में आसानी होगी कि आप एक जेनुइन बिजनेसमैन हैं।
  5. प्रोजेक्शन रिपोर्ट तैयार करें: बैंक आपसे अगले दो सालों का प्रोजेक्शन मांग सकता है। इसलिए अपनी व्यापारिक संभावनाओं का विस्तृत विवरण तैयार रखें।

CC लिमिट लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  1. GST और इनकम टैक्स रिटर्न मैच करें: बैंक यह सुनिश्चित करता है कि आपकी GST और इनकम टैक्स रिटर्न की फिगर मैच कर रही हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो बैंक आपको सीसी लिमिट देने में संकोच कर सकता है।
  2. करंट अकाउंट का उपयोग: अपने सभी ट्रांजैक्शन करंट अकाउंट से करें। इससे बैंक को आपकी बिजनेस एक्टिविटी का पता चलेगा और आपका आवेदन आसानी से स्वीकृत होगा।
  3. गारंटी ना लें: यदि आपने किसी और की लोन के लिए गारंटी ली है और उसका लोन डिफॉल्ट हो गया है, तो आपका सिबिल स्कोर भी कम हो सकता है।

निष्कर्ष

यदि आप बैंक से CC लिमिट लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी प्रॉपर्टी के दस्तावेज़ और सिबिल स्कोर को सही करवाएं। अपने सभी ट्रांजैक्शन करंट अकाउंट से करें और सभी फाइनेंशियल दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है और प्रॉपर्टी के दस्तावेज़ क्लियर हैं, तो आपका CC लिमिट का आवेदन आसानी से स्वीकृत हो जाएगा।

इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए, अब आप बिना किसी परेशानी के बैंक से CC लिमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आपके पास और कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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