Cibil Score: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्टिंग को लेकर नए नियम जारी किए हैं, जो ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन नियमों के तहत, अगर बैंक या वित्तीय संस्थान किसी गलत क्रेडिट रिपोर्ट को सही करने में देरी करते हैं, तो ग्राहकों को मुआवजा दिया जाएगा। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में विस्तार से।
RBI के नए नियम की मुख्य बातें
- गलत क्रेडिट रिपोर्ट पर मुआवजा: अगर कोई बैंक या एनबीएफसी (Non-Banking Financial Company) किसी गलत क्रेडिट रिपोर्ट को सुधारने में 30 दिनों से ज्यादा का समय लेती है, तो उसे ग्राहक को हर दिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा।
- शिकायत का समाधान समय: क्रेडिट इंस्टीट्यूशन को 21 दिनों के भीतर गलत जानकारी को सुधार कर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को सूचित करना होगा, वरना ग्राहक को मुआवजा मिलेगा।
- क्रेडिट रिपोर्ट अलर्ट: जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्था आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करेगी, तो आपको इसकी सूचना SMS या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी। यह क्रेडिट रिपोर्ट की पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास है।
- शिकायत समाधान के लिए 30 दिन: अगर क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी कोई शिकायत 30 दिनों के भीतर नहीं सुलझाई जाती है, तो ग्राहक को मुआवजा मिलना अनिवार्य होगा।
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CIBIL स्कोर खराब होने के कारण
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) ग्राहकों के क्रेडिट इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। कुछ ऐसी गलतियां हैं, जिनकी वजह से आपका स्कोर खराब हो सकता है:
- EMI का समय पर भुगतान न करना
- क्रेडिट कार्ड बिल का देर से भुगतान
- क्रेडिट उपयोग रेश्यो 30% से ज्यादा रखना
- जॉइंट लोन या गारंटर के रूप में डिफॉल्ट होना
मुआवजे का उद्देश्य
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्रेडिट संस्थान ग्राहकों की शिकायतों को समय पर हल करें और किसी भी देरी की स्थिति में ग्राहक को मुआवजा मिले। यह कदम ग्राहकों के आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा करता है और क्रेडिट संस्थानों पर पारदर्शिता लाने का प्रयास करता है। इसके अलावा, यह लोगों को आर्थिक रूप से अनुशासित रहने के लिए प्रेरित करता है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
अच्छा सिबिल स्कोर कैसे बनाए रखें?
एक अच्छा सिबिल स्कोर (750 से ऊपर) सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो 30% से कम रखें: अगर आप इस सीमा को पार कर रहे हैं, तो अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने पर विचार करें।
- समय पर भुगतान: लोन या क्रेडिट कार्ड का बकाया समय पर चुकाएं। यह आपके सिबिल स्कोर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
- विविध लोन पोर्टफोलियो: सुरक्षित (जैसे होम लोन) और असुरक्षित (जैसे क्रेडिट कार्ड) लोन का संतुलन बनाए रखें, इससे सिबिल स्कोर बेहतर होता है।
सिबिल स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है। यह आपके क्रेडिट स्वास्थ्य को दर्शाता है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो आपके लोन स्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का रिकार्ड होता है, जिसमें आपके द्वारा लिए गए लोन, भुगतान की स्थिति और चूक की जानकारी होती है।
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अच्छा सिबिल स्कोर और सस्ता लोन
एक अच्छा सिबिल स्कोर सिर्फ लोन की स्वीकृति को आसान नहीं बनाता, बल्कि आपको सस्ता लोन भी दिलवा सकता है। उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) बेहतर सिबिल स्कोर वाले ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करता है। स्कोर जितना बेहतर होगा, लोन की दर उतनी ही कम होगी।
निष्कर्ष
RBI के नए नियम क्रेडिट रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इससे न सिर्फ ग्राहकों को समय पर मुआवजा मिलेगा, बल्कि उनके आर्थिक अधिकारों की भी सुरक्षा होगी। अगर आप भी अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो समय पर भुगतान, कम क्रेडिट यूटिलाइजेशन और सही लोन पोर्टफोलियो बनाए रखें।