Business idea: खेती को अक्सर घाटे का सौदा माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के राम प्रवेश मौर्या ने इस धारणा को बदल दिया है। 2.5 एकड़ जमीन पर खेती करके उन्होंने सालाना 6-7 लाख रुपये की आय हासिल की। इस लेख में हम उनकी सफलता की कहानी, खेती के तरीके, और सब्ज़ियों की नर्सरी के जरिए हुई प्रगति के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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खेती से कैसे बदली किस्मत?
राम प्रवेश मौर्या ने सीमित संसाधनों के बावजूद खेती को लाभदायक बनाया।
हरी सागा की खेती
हरी सागा (हरी प्याज का हिस्सा) उनकी सबसे लाभकारी फसल है।
- बाजार मूल्य: 60-70 रुपये प्रति किलो
- उत्पादन: 15-20 क्विंटल प्रति बीघा
- आय: प्रति बीघा 1 लाख रुपये तक
फसल | उत्पादन (प्रति बीघा) | बाजार मूल्य (प्रति किलो) | कुल आय (प्रति बीघा) |
---|---|---|---|
हरी सागा | 15-20 क्विंटल | ₹60-₹70 | ₹90,000-₹1,00,000 |
प्याज | 25-30 क्विंटल | ₹15-₹30 | ₹40,000-₹60,000 |
प्याज की खेती
राम प्रवेश रबी और खरीफ दोनों सीज़न में प्याज की खेती करते हैं।
- प्रमुख किस्म: NHRDF 883
- विधि: प्याज को हरी अवस्था में और बल्ब बनाकर बाजार में बेचते हैं।
- सिंचाई: ड्रिप सिंचाई का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाया गया।
सब्जियों की नर्सरी: आय का एक और साधन
राम प्रवेश ने सब्जियों की नर्सरी शुरू की, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित हुई।
फसल | बीज लगाने का समय | तैयार होने का समय | बिक्री मूल्य (प्रति पौधा) |
---|---|---|---|
टमाटर | जुलाई-अगस्त | 20-25 दिन | ₹1-₹2 |
मिर्च | जुलाई-अगस्त | 25-30 दिन | ₹1.5-₹2.5 |
गोभी | जून-जुलाई | 25-30 दिन | ₹1-₹1.5 |
बैंगन | जुलाई-अगस्त | 30-35 दिन | ₹2-₹3 |
नर्सरी की प्रमुख विशेषताएं
- फसल की विविधता: गोभी, टमाटर, मिर्च, बैंगन समेत 10+ सब्जियों के पौधे उपलब्ध।
- ग्राहक वर्ग: 6 जिलों के किसान नियमित ग्राहक हैं।
- ऑनलाइन पेमेंट और डिलीवरी: जरूरतमंद किसान ऑनलाइन पेमेंट कर पौधे मंगवा सकते हैं।
- सरकारी सहयोग: कृषि विज्ञान केंद्र और उद्यान विभाग से तकनीकी मदद।
तकनीकी ज्ञान और नवाचार से मिली सफलता
खेती में तकनीकी ज्ञान ने राम प्रवेश की सफलता को कई गुना बढ़ा दिया।
खेती में नवाचार
- उन्नत बीजों का चयन: सरकारी (ICAR) और निजी बीज कंपनियों से उन्नत बीज खरीदना।
- ड्रिप सिंचाई प्रणाली: जल की बचत और उत्पादन में वृद्धि।
- समय पर फसल कटाई: बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त करने के लिए सही समय पर फसल बेचना।
नवाचार | लाभ |
---|---|
उन्नत बीज | उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार |
ड्रिप सिंचाई | पानी और खाद का संतुलित उपयोग |
सरकारी योजनाओं का लाभ | सब्सिडी और तकनीकी सहायता |
खेती से बच्चों की शिक्षा तक
राम प्रवेश ने खेती की कमाई से अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई।
- उनका एक बेटा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है।
- दूसरा बेटा लखनऊ में एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा है।
यह उनकी दूरदर्शिता और खेती से कमाई का सही उपयोग दर्शाता है।
खेती में अन्य किसानों के लिए प्रेरणा
राम प्रवेश मौर्या ने दिखाया कि खेती घाटे का सौदा नहीं है।
खेती से सीखने योग्य बातें
- लाभकारी फसलें चुनें: हरी सागा और प्याज जैसी फसलें तुरंत मुनाफा देती हैं।
- नर्सरी व्यवसाय: सब्ज़ियों की नर्सरी एक स्थिर आय का साधन बन सकती है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: योजनाओं और प्रशिक्षण से अपनी क्षमता बढ़ाएं।
- तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल करें: ड्रिप सिंचाई और उन्नत बीजों का उपयोग उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
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निष्कर्ष
राम प्रवेश मौर्या की कहानी यह साबित करती है कि सीमित संसाधनों और जमीन के बावजूद खेती को मुनाफे का जरिया बनाया जा सकता है। हरी प्याज और सब्ज़ियों की नर्सरी के जरिए उन्होंने अपनी और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और अन्य किसानों को भी प्रेरित किया।
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