Bharat Number Plate: BH नंबर प्लेट लगाने के क्या फायदे और नुकसान? जान लीजिए पूरा प्रोसेस

Bharat Number Plate: भारत में वाहनों की पहचान के लिए अब BH (Bharat) नंबर प्लेट का विकल्प उपलब्ध है, जो विशेषतौर पर ऐसे लोगों के लिए डिजाइन की गई है जो नौकरी या अन्य कारणों से लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करते हैं। BH नंबर प्लेट न केवल वाहन मालिकों को सुविधा देती है बल्कि बार-बार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी आसान बनाती है।

इस लेख में हम BH नंबर प्लेट की पूरी जानकारी, इसके फायदे-नुकसान, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से जानेंगे।

Bharat Number Plate क्या है?

BH (Bharat) नंबर प्लेट भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक नया वाहन पंजीकरण विकल्प है जो “वन नेशन, वन नंबर” की अवधारणा पर आधारित है। आमतौर पर वाहनों की नंबर प्लेट के पहले दो अक्षर राज्य का कोड होते हैं, जैसे DL (दिल्ली) या MP (मध्य प्रदेश)।

लेकिन BH सीरीज में ऐसा नहीं होता, इसमें BH के बाद एक यूनिक नंबर होता है। यह प्लेट उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में बार-बार यात्रा करते हैं और वाहन का रजिस्ट्रेशन स्थानांतरित करने की परेशानी से बचना चाहते हैं।

BH नंबर प्लेट के फायदे

  1. ऑल इंडिया वैलिडिटी: BH नंबर प्लेट पूरे भारत में मान्य होती है। वाहन मालिकों को अलग-अलग राज्यों में जाकर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं होती। यह खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होते रहते हैं।
  2. बार-बार रजिस्ट्रेशन का झंझट समाप्त: नौकरी या अन्य कारणों से अक्सर राज्य बदलने वाले लोगों के लिए BH नंबर प्लेट सुविधा प्रदान करती है। BH नंबर होने पर किसी अन्य राज्य में जाते समय दोबारा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे समय और धन की बचत होती है।
  3. कार टैक्स पर राहत: BH नंबर प्लेट वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स की व्यवस्था थोड़ी अलग होती है। सामान्य वाहनों के रोड टैक्स को 15 साल के लिए एक साथ लिया जाता है, लेकिन BH नंबर प्लेट पर टैक्स को दो साल के लिए लिया जाता है और हर दो साल बाद इसे रिन्यू किया जा सकता है। इससे लोगों को भारी एकमुश्त टैक्स देने से राहत मिलती है।
  4. मल्टीस्टेट कर्मचारी के लिए मददगार: जिन कर्मचारियों की नौकरी में अक्सर राज्यों के बीच स्थानांतरण होता है, BH नंबर प्लेट उनके लिए एक अच्छा विकल्प है। केंद्रीय या राज्य सरकार के कर्मचारी, रक्षा विभाग के कर्मचारी और ऐसे प्राइवेट कर्मचारी जिनकी कंपनियों के कार्यालय चार से अधिक राज्यों में हैं, इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

BH नंबर प्लेट के नुकसान

  1. सभी के लिए उपलब्ध नहीं: BH नंबर प्लेट केवल कुछ विशेष श्रेणियों के लिए ही उपलब्ध है। आम नागरिक और वे लोग जो सरकार या निर्धारित कंपनियों में कार्यरत नहीं हैं, इस नंबर प्लेट के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
  2. व्यावसायिक और ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए नहीं: BH नंबर प्लेट केवल निजी (प्राइवेट) वाहनों के लिए है। ट्रांसपोर्ट या व्यावसायिक वाहनों के लिए यह विकल्प नहीं है, जिससे व्यापारियों या व्यवसायियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता।
  3. हर दो साल में टैक्स का भुगतान: हालांकि दो साल का टैक्स भुगतान विकल्प एक फायदा है, लेकिन कई लोग इसे बार-बार टैक्स देने के रूप में देखते हैं। सामान्य नंबर प्लेट में एक बार का टैक्स भुगतान होता है, जबकि BH नंबर में हर दो साल में इसे रिन्यू करना पड़ता है।

कौन कर सकता है BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन?

BH नंबर प्लेट पाने के लिए कुछ विशेष योग्यताओं की आवश्यकता होती है। केवल निम्नलिखित श्रेणियों के लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं:

  • केंद्रीय या राज्य सरकार के कर्मचारी: सरकारी कर्मचारियों को यह सुविधा मिलती है।
  • रक्षा क्षेत्र के कर्मचारी: सेना, नौसेना या वायुसेना में काम करने वाले कर्मचारी इस प्लेट के लिए योग्य हैं।
  • बैंक कर्मचारी: बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी BH नंबर प्लेट मिल सकती है।
  • प्रशासनिक सेवा के अधिकारी: IAS, IPS या अन्य सरकारी प्रशासनिक अधिकारी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी: जिन निजी कंपनियों के कार्यालय कम से कम चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हैं, उनके कर्मचारी भी BH नंबर प्लेट के लिए पात्र होते हैं।

BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन प्रक्रिया

BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन करना काफी आसान है, लेकिन इसके लिए कुछ दस्तावेजों और प्रमाणों की जरूरत होती है। आइए इस प्रक्रिया को समझते हैं:

  1. MoRTH के Vahan पोर्टल पर लॉगिन करें: सबसे पहले, आपको Vahan पोर्टल पर लॉगिन करना होगा।
  2. फॉर्म 20 और फॉर्म 16 भरें: सरकारी कर्मचारियों को फॉर्म 20 भरना होगा, जबकि प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों के लिए फॉर्म 16 भरना अनिवार्य है।
  3. दस्तावेज अपलोड करें: फॉर्म भरने के बाद, अपने वर्क सर्टिफिकेट और एम्प्लाई आईडी की स्कैन कॉपी अपलोड करें। ये दस्तावेज आपकी पात्रता की पुष्टि के लिए जरूरी हैं।
  4. BH सीरीज का चयन करें: पोर्टल पर BH सीरीज का चयन करें और संबंधित जानकारी दर्ज करें।
  5. फीस का भुगतान करें: सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करने के बाद, निर्धारित फीस का भुगतान करें।
  6. BH नंबर जनरेशन: फीस का भुगतान करने के बाद आपका आवेदन RTO ऑफिस द्वारा सत्यापित किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद आपके वाहन के लिए BH सीरीज नंबर जनरेट कर दिया जाएगा और इसे आपकी गाड़ी पर लगा दिया जाएगा।

BH नंबर प्लेट का टैक्स स्ट्रक्चर

BH नंबर प्लेट का रोड टैक्स थोड़े अलग तरीके से काम करता है। जहां सामान्य तौर पर निजी वाहनों के लिए एकमुश्त टैक्स का भुगतान करना होता है, वहीं BH नंबर प्लेट पर टैक्स को दो साल के अंतराल पर लिया जाता है।

अवधिटैक्स का भुगतान (व्यक्तिगत वाहनों के लिए)
दो सालदो साल के लिए टैक्स भुगतान आवश्यक
चार सालटैक्स दोबारा भरना आवश्यक
उसके बादहर दो साल पर रिन्यूअल

निष्कर्ष

BH नंबर प्लेट उन लोगों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प है जो बार-बार राज्य बदलते हैं। इससे न केवल उन्हें बार-बार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से छुटकारा मिलता है, बल्कि टैक्स का भुगतान भी आसान हो जाता है। हालांकि, यह प्लेट सभी के लिए उपलब्ध नहीं है और केवल निजी वाहनों तक सीमित है।

यदि आप पात्रता मानदंडों में आते हैं और बार-बार स्थानांतरण का सामना करते हैं, तो BH नंबर प्लेट आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है। इससे आप भारत के किसी भी कोने में अपने वाहन को आसानी से चला सकते हैं और बार-बार रजिस्ट्रेशन की चिंता से मुक्त रह सकते हैं।

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