Village Business ideas: आज की कहानी है एक सामान्य किसान के बेटे की, जिसने अपनी मेहनत और लगन से एक छोटी सी नर्सरी को 30 एकड़ के विशाल साम्राज्य में बदल दिया। यह है मधुकर गौली की कहानी, जो महाराष्ट्र के नासिक में स्थित ओम गायत्री नर्सरी के संस्थापक हैं।
Village Business ideas की शुरुआत
2009 में, जब मधुकर साइकिल से स्कूल जाते थे और वापस आकर पौधों की बिक्री करते थे, तब किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन वह महाराष्ट्र की सबसे बड़ी नर्सरी के मालिक बन जाएंगे। ग्रेप्स की खेती में अपने पिताजी की मदद करते हुए उन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाए। इसके बाद, उन्होंने 2009 में दो गुंठे की नर्सरी से शुरुआत की।
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बढ़ता कारोबार
आज, नर्सरी का टर्नओवर 20 से 22 करोड़ रुपये है और यह नर्सरी महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ में 15 से 17 करोड़ पौधे सप्लाई करती है। यह नर्सरी 50 से अधिक आधिकारिक स्टाफ और 200 से ज्यादा वर्कर्स को रोजगार देती है।
कंपनी का विवरण
विवरण | आंकड़े |
---|---|
स्थापना वर्ष | 2009 |
प्रारंभिक क्षेत्र | 2 गुंठे |
वर्तमान क्षेत्र | 30 एकड़ |
टर्नओवर | ₹20 से ₹22 करोड़ |
वार्षिक पौधे बिक्री | 15 से 17 करोड़ |
कर्मचारियों की संख्या | 50+ आधिकारिक स्टाफ, 200+ वर्कर्स |
चुनौतियाँ और समाधान
शुरुआती दौर में मधुकर को किसानों को पौधों की अच्छी गुणवत्ता के बारे में समझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे, उन्होंने किसानों को डेमो देकर और परिणाम दिखाकर उनका विश्वास जीता। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र में 21 दिन का कोर्स किया और अपने ज्ञान को बढ़ाया। इसके बाद, एग्रीकल्चर एग्जिबिशन में स्टॉल लगाकर उन्होंने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया।
सेवा और गुणवत्ता
नर्सरी के पौधे उच्च गुणवत्ता के होते हैं। यहां पौधों को साइंटिफिक तरीके से तैयार किया जाता है, ताकि वे ट्रांसप्लांटिंग के बाद भी सस्टेन करें। नर्सरी के पौधे ट्रेसेबल होते हैं, जिससे किसानों को सही जानकारी मिलती है और उनकी उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है।
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विस्तार की योजनाएँ
मधुकर ने बताया कि उनके नर्सरी में लगभग 20 से 25 तरह के पौधे होते हैं, जिनमें टोमेटो, चिली, कैप्सिकम, मस्क मेलन, पपैया, कुकुंबर, मैरीगोल्ड, ड्रमस्टिक, शुगर केन, ग्रेप्स, और अनार शामिल हैं। वे साल भर में 15 से 17 करोड़ पौधे बेचते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मांग टमाटर की होती है।
नर्सरी में उगाए जाने वाले पौधे
पौधे का प्रकार | प्रमुख वैरायटी |
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टमाटर | 10-15 वैरायटी |
मिर्च | विभिन्न किस्में |
शिमला मिर्च | विभिन्न किस्में |
मस्क मेलन | विभिन्न किस्में |
खरबूजा | विभिन्न किस्में |
पपीता | विभिन्न किस्में |
खीरा | विभिन्न किस्में |
मैरीगोल्ड | विभिन्न किस्में |
सहजन | विभिन्न किस्में |
गन्ना | विभिन्न किस्में |
अंगूर | विभिन्न किस्में |
अनार | विभिन्न किस्में |
भविष्य की दिशा
मधुकर का मानना है कि खेती में इनोवेशन और तकनीकी अपनाने से ही खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। उन्होंने विदेशों में भी नर्सरी का दौरा किया और वहां की तकनीकों को अपनाया। उनका कहना है कि भारतीय कृषि में अभी भी बहुत संभावनाएँ हैं और अगर युवा इनोवेटिव तरीके से काम करें, तो खेती में भी बड़े मुनाफे कमाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
मधुकर गौली की कहानी यह साबित करती है कि मेहनत, लगन, और सही तकनीक के इस्तेमाल से कोई भी व्यवसाय सफल हो सकता है। नर्सरी आज एक उदाहरण है कि कैसे एक छोटी सी शुरुआत बड़े साम्राज्य में बदल सकती है। यह कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है कि मेहनत और सही दिशा में काम करने से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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